Delhi Airport: यह मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का है. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के काउंटर पर मौजूद अफसर के सामने करीब एक 24 साल का युवक खड़ा हुआ है. इस युवक के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान है, जिसकी मदद से वह अपनी हिचक और डर को छिपाने की कोशिश कर रहा था. शुरूआत में इमिग्रेशन अफसर को लगा कि शायद पहली हवाई यात्रा की वजह से युवक घबरा रहा हो. लिहाजा, उसे कंफर्ट करने के इरादे से वह थोड़ा मुस्कुराए और पासपोर्ट लेने के लिए हाथ आगे बढ़ा दिया.
पासपोर्ट-बोर्डिंग पास लेते समय उन्होंने महसूस किया कि युवक के चेहरे के भाव सामान्य नहीं थे. इसी बीच, उन्होंने अपनी निगाह बोर्डिंग पास पर डाली. यह बोर्डिंग पास उज़्बेकिस्तान एयरलाइंस की ताशकंद जाने वाली फ्लाइट HY-424 का था. वहीं, डॉक्यूमेंट स्क्रूटनी के दौरान उन्होंने पाया कि पासपोर्ट में इस युवक का नाम चयन पाल और पता हुबली (पश्चिम बंगाल) के सिंगूर का दर्ज था. डॉक्यूमेंट स्क्रूटनी के बीच में ही इमिग्रेशन अफसर ने हिंदी में पूछ लिया.. आपको किस काम से ताशकंद जा रहे हैं.
हिंदी में पूछा सवाला और खुल गया सारा राज
इमिग्रेशन अफसर का सवाल सुनने के बावजूद यह युवक शून्य भाव के साथ खड़ा रहा. इमिग्रेशन अफसर ने अपना सवाल दोहराया, लेकिन इस बार भी जवाब नहीं आया. इस प्रतिक्रिया पर इमिग्रेशन अफसर का माथा ठनका कि कोलकाता से चंद किलोमीटर दूर स्थित सिंगूर में रहने वाले शख्स को इतनी हिंदी भी नहीं आती. लिहाजा, इस युवक से गहन पूछताछ शुरू की गई. तलाशी के दौरान इसके मोबाइल से बांग्लादेशी पासपोर्ट का बायोडाटा पेज बरामद किया गया, जिसमें इसका नाम टीटू दर्ज था.
पूछताछ में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
बांग्लादेशी पासपोर्ट का बायोडाटा पेज सामने आते ही सारा राज खुल कर सामने आ गया. इसी बांग्लादेशी पासपोर्ट से इमिग्रेश अफसर को पता चला कि टीटू मूल रूप से बांग्लादेश के चिटगांव का रहने वाला है. पूछताछ में उसने यह भी बताया कि वह दिसंबर 2019 में आईपीसी हरिदासपुर के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था. इसी बीच, उसने फर्जी दस्तावेज और पासपोर्ट के लिए स्थानीय एजेंट से संपर्क किया. शमोल शेन नामक एजेंट की मदद से उसने भारतीय पासपोर्ट हासिल किया था. शुरूआती पूछताछ के बाद ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने आरोपी टीटू को आईजीआई एयरपोर्ट के हवाले कर दिया है.
FIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 16:36 IST