नई दिल्ली. 2010 में बारापुला फ्लाईओवर को बनाने की शुरुआत हुई थी. यह काम 3 फेज में किया जाना था. इस फ्लाओवर को बनाने का मकसद यह था पूर्वी दिल्ली से नई दिल्ली को निर्बाध तरीके से जोड़ दिया जाए. 2015 तक 2 फेज का काम निपटा भी लिया गया. लेकिन तीसरा फेज तब से अब तक नहीं बन पाया. इसके लिए जरूरी जमीन का आखिरी टुकड़ा भी पीडब्ल्यूडी को मिल गया है. इसके बावजूद इस साल के फ्लाईओवर का काम पूरा होने की संभावना बहुत कम है.
टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी का कहना है कि इसका इस फ्लाईओवर को पूरा बनाने में 274 पेड़ आड़े आ रहे हैं. ये पेड़ सराय काले का की ओर जाने वाले रास्ते पर हैं. इन्हें काटने की अनुमति अभी तक नहीं दी गई है. इतना ही नहीं इस रास्ते पर अब तक जो पिलर गाड़े जा चुके हैं उन्हें भी सूखने में 6-7 महीने लगेंगे. इस तरह से अक्टूबर वाली डेडलाइन छूटना लगभग तय है.
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कितना पूरा हुआ काम?
बारापुला फ्लाईओवर का निर्माण 3 फेज में किया जाना था. पहला फेज सराय काले खां से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम तक है. इसकी लंबाई 4 किलोमीटर है. दूसरा फेज स्टेडियम से आईएनए तक है. इसकी लंबाई 2 किलोमीटर है. तीसरा फेज सराय काले खां से मयूर विहार फेज-1 तक है. इसकी लंबाई 3.5 किलोमीटर है. इस तरह से यह पूरा फ्लाई 9.5 किलोमीटर का हो जाएगा. बाकी दोनों फेज पूरे हो चुके हैं लेकिन तीसरा फेज अभी बाकी रह गया है.
बजट 500 करोड़ रुपये बढ़ा
2010 में जब इस फ्लाईओवर के निर्माण की शुरुआत हुई थी तब इसके लिए 964 रुपये का बजट अप्रूव किया गया था. इसे बढ़ा 1260 करोड़ रुपये किया गया. अब इसका बजट 1500 करोड़ रुपये कर दिया गया है. टाइम्स के अनुसार, जो कंपनी इस पुल का निर्माण कर रही है उसे तीसरे फेज के लिए 280 करोड़ रुपये दिए जाने थे जिसमें से अभी तक केवल 10 करोड़ रुपये ही दिए गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 10:49 IST