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इसके बाद तो जो सफर शुरू हुआ वो बहुत दिनों तक रुका ही नहीं. अगले छह दशकों में, उन्होंने ‘पुलिस वाले और चोर’, ‘किस्मत’, ‘महल’, ‘परिणीता’, ‘कानून’, ‘गुमराह’, ‘चलती का नाम गाड़ी’, ‘आशीर्वाद’, ‘ममता’, ‘ज्वेल थीफ’, ‘खूबसूरत’ और ‘खट्टा मीठा’ सहित कई फिल्मों में काम किया.