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गोविंद नामदेव ने कैप्शन में आगे लिखा, ‘व्यक्तिगत रूप से मुझे किसी युवा या बुजुर्ग से प्यार हो जाए, ये इस जन्म में तो संभव नहीं है. मेरी सुधा, सांस है मेरी! जमाने की हर अदा, हर लोभ-लालच, स्वर्ग जैसा भी, फीका है बिल्कुल, मेरी सुधा के आगे. लड़ जाऊंगा प्रभु से भी, गर किया कुछ इधर-उधर तो, फिर हो जाए सजा, कुछ भी…गॉड ब्लेस.’ (फोटो साभार: Instagram@shivangi2324)