न अमिताभ, न राजेश, न शत्रुघ्न, महेश भट्ट के डगमगाते करियर में मिला था 70s सुपरस्टार का सहारा, बोले- ‘मैं आज…’

नई दिल्ली. ‘लहू के दो रंग’, ‘अभिमन्यु’, ‘अर्थ’, ‘सारांश’, ‘आशिकी’, ‘दिल है के मानता नहीं’ और ‘हम हैं राही प्यार के’ जैसी 80 से ज्यादा फिल्मों के निर्देशन और प्रोडक्शन कर चुके फेमस फिल्ममेकर महेश भट्ट को आज किसी पहचान की जरूरत नहीं है. उन्होंने अटूट मेहनत की और खुद को ऐसे स्थापित किया कि आज उनकी गिनती इंडस्ट्री के हिट फिल्ममेकर्स में होती है. लेकिन एक दौर था जब उन्हें अपने करियर को तराशने में काफी मेहनत करनी पड़ी थी. राज खोसला की मदद और उनके डगमगाते करियर को 70 के दशक के एक सुपरस्टार ने ऐसा संवारा, जिसके बारे में वो कहते हैं कि वो जो भी हैं उनकी बदौलत हैं.

महेश भट्ट इंडस्ट्री के उन नगीनों में से एक रहे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हर तरफ अपनी चमक बिखेरी. हाल ही में महेश भट्ट ने अपने करियर के शुरुआती दिनों के बारे में बात की और फिल्म निर्माता राज खोसला की मदद करने के समय की यादें भी साझा कीं.

राज खोसला से पहली मुलाकात
रेडियो नशा के साथ बातचीत में, महेश भट्ट ने बताया कि कैसे साल 1969 वह फिल्म ‘दो रास्ते’ के अंतिम शेड्यूल के दौरान राज खोसला से मिले, जिसमें राजेश खन्ना और मुमताज लीड रोल में थे. उन्होंने बताया कि इस फिल्म का गाना ‘तूने काजल लगया दिन में रात हो गई’ फिल्माया जा रहा था, उसी दौरान पहली बार प्रसिद्ध निर्देशक राज खोसला से वो मिले थे.

फिर कभी नहीं देखा राजेश खन्ना जैसा स्टारडम
बातचीत के दौरान उन्होंने राजेश खन्ना के स्टारडम को भी याद किया. महेश भट्ट मे कहा वह राजेश खन्ना के स्टारडम को देखकर हैरान रह गए थे. वह कहते हैं- ‘मैंने राजेश खन्ना जैसा स्टारडम पहले कभी नहीं देखा था. आजकल स्टार्स को डिजिटल प्लेटफॉर्म से बहुत फायदा होता है. लेकिन उस समय, सिर्फ कुछ फिल्मी मैगजीन और सीमित प्रिंटों के साथ, राजेश खन्ना प्रसिद्धि का ऐसा स्तर बनाने में कामयाब रहे जो पहले कभी नहीं देखा गया था.’

‘जो हूं, विनोद खन्ना की वजह से हूं’
राज खोसला के साथ काम करने पर बात करते हुए महेश भट्ट ने कहा- ‘हमने बाद में धर्मेंद्र और विनोद खन्ना स्टारर ‘मेरा गांव मेरा देश बनाई’. विनोद खन्ना मेरे लिए सिर्फ एक सहकर्मी ही नहीं थे, बल्कि वह एक महान दोस्त भी थे, जिन्होंने मेरे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके बिना, मुझे नहीं लगता कि मैं वो व्यक्ति बन पाता जो मैं आज हूं.’

छठी फिल्म साबित हुए करियर के लिए लकी
महेश भट्ट ने अपने करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए उदयपुर में ‘मेरा गांव मेरा देश’ के निर्माण के बारे में बात की और फिल्म में आनंद बख्शी और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के म्यूजिक की भी तारीफ की. उन्होंने बताया कि जब मैंने इंडस्ट्री में शुरुआत की, तब उनकी फिल्मों को दर्शकों से कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था. हालांकि, कुछ असफल फिल्मों से शुरुआत करने के बावजूद, महेश भट्ट अपना करियर स्थापित करने में कामयाब रहे. इसमें उनकी फिल्म ‘अर्थ’ का खास योगदान रहा, जो उनकी छठी फिल्म थी. यह सफलता भट्ट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई. इस फिल्म के बाद उनकी 80 और 90 के दशक की ‘सारांश’, ‘जन्म’, ‘सड़क’ और ‘आशिकी’ सहित कई फिल्में हिट साबित हुईं.

Tags: Mahesh bhatt, Rajesh khanna, Vinod Khanna

Source link