नई दिल्ली: एक्टर ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की थी, लेकिन उन्हें पहचान 1983 में आई फिल्म ‘अर्ध सत्य’ से मिली. वे आगे चलकर भारतीय सिनेमा के महान एक्टर कहलाए. अगर वे आज 18 अक्टूबर को जिंदा होते, तो उनकी उम्र 73 साल होती. एक्टर के पिता भारतीय रेलवे के कर्मचारी थे, मगर उनका बचपन अच्छा नहीं था. उन्हें 6 साल की उम्र में बर्तन धोने का काम करना पड़ा था.
हम ओम पुरी की बात कर रहे हैं, जिन्हें अपनी एक्टिंग के जुनून के चलते ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ में दाखिला मिला, हालांकि वे दिखते बहुत सामान्य थे. वे कहीं से हीरो नहीं लगते थे. उन्हें एक बार शबाना आजमी ने बदशक्ल कह दिया था और उनके एक्टर बनने के सपने पर सवाल उठाए थे. उन्होंने यह दिलचस्प किस्सा ‘द अनुपम खेर शो’ में सुनाया था.
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नसीरुद्दीन शाह थे करीबी दोस्त
ओम पुरी के करीबी दोस्त नसीरुद्दीन शाह थे. दोनों नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में साथ पढ़ते थे. ओम पुरी ने एक बार बताया था कि वे नसीरुद्दीन की वजह से मांसाहारी बने थे. उन्होंने ‘आक्रोश’, ‘द्रोह काल’, ‘स्पर्श’ और ‘जाने भी दो यारों’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया था. इंडियाटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ओम पुरी कई तरह की हीन भावना से पीड़ित थे. उनके दोस्त नसीरुद्दीन एक कॉन्वेंट-स्कूल से पढ़े थे और वे एक पंजाबी स्कूल से थे. वे जब हार मानने वाले थे, तब उनके गुरु कैदी साहब ने उन्हें अपनी लैंग्वेज स्किल पर सुधार करने के लिए प्रेरित किया था.
66 साल की उम्र में हुआ निधन
ओम पुरी ने आगे चलकर 20 से ज्यादा अंग्रेजी फिल्मों में काम किया. 1990 के दशक में ओम पुरी ‘माई सन द फैनेटिक’, ‘ईस्ट इज ईस्ट’ और ‘द पैरोल ऑफिसर’ जैसी कई ब्रिटिश फिल्मों में अभिनय करके दुनियाभर में मशहूर हुए. दिग्गज एक्टर का 66 साल की उम्र में निधन हो गया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक्टर की मृत देह संदिग्ध हालत में मिली थी.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 06:33 IST