नई दिल्ली. मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का ऐलान किया है. केंद्रीय कैबिनेट शनिवार को UPS यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम को स्वीकृति दे दी है. सरकार का कहना है कि UPS ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) का फ्यूजन है. इसमें ओपीएस और एनपीएस के बेहतरीन पहलुओं को शामिल किया गया है. नई स्कीम में गारंटीड मिनिमम पेंशन की व्यवस्था की गई है. केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने इस तरह दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है. मोदी सरकार के इस मास्टरस्ट्रोक की कांग्रेस भी मुरीद हो गई है. कांग्रेस नेता ने UPS की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम का स्वागत किया है.
कांग्रेस के डाटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के चेयरमैन प्रवीण चक्रवर्ती ने मोदी सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर X पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि UPS नेशनल पेंशन स्कीम और मिनिमम गारंटीड पेंशन का फ्यूजन है. इससे रिटायर्ड कर्मचारियों के साथ ही उनके परिवार को भी लाभ मिलेगा. प्रवीण चक्रवर्ती ने लिखा, ‘सरकारी कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा बहुसंख्यक गरीबों पर अतिरिक्त टैक्स की तरह है, जो उन्हें एलीट माइनॉरिटी के लिए देना पड़ता है. इसे देखते हुए साल 2013 में ओपीएस में रिफॉर्म कर उसे एनपीएस में तब्दील किया गया. हालांकि, एनपीएस रिटायर्ड परिवारों को मिनिमम पेंशन की गारंटी नहीं देता था. अब यह काम यूपीएस ने कर दिया है. यूपीएस एनपीएस और मिनिमम गारंटी का निचोड़ है. यह विवेकपूर्ण और स्वागतयोग्य है.’
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अरविंद पानगड़िया के बयान का दिया हवाला
कांग्रेसी प्रवीण चक्रवर्ती ने नवंबर 2022 में नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पानगड़िया द्वारा दिए गए एक बयान का हवाला दिया है. पानगड़िया ने सवाल उठाया था कि भारत की पूरी आबादी के कितने फीसद लोग सरकारी कर्मचारी हैं? उन्होंने आगे कहा था, ‘2 फीसद से ज्यादा लोग सरकारी कर्मचारी नहीं हैं. ऐसे में टैक्सपेयर के 12 से 13 फीसद राशि को 2 प्रतिशत आबादी को कैसे दिया जा सकता है? यह व्यवस्था पीछे ले जाने वाला है.’
कैसे अलग है UPS?
अब सवाल उठता है कि UPS ओपीएस और एनपीएस से कैसे अलग है? नई स्कीम में ऐसी कौन सी सुविधाएं दी गई हैं, जो पूर्व की पेंशन स्कीम्स में नहीं थीं? दरअसल, यूपीएस में रिटायरमेंट के बाद फिक्स्ड मिनिमम गारंटीड पेंशन मिलने की व्यवस्था की गई है. इसमें दो तरह की बातें हैं. पहला, यदि कोई केंद्रीय कर्मचारी 25 साल या उससे ज्यादा समय तक अपनी सेवाएं देता है तो लास्ट 12 महीनों में उनको मिलने वाली सैलरी का 50 फीसद पेंशन के तौर पर मिलेगा. दूसरी व्यवस्था यह की गई है कि कम से कम 10 साल तक अपनी सेवा देने वाले केंद्रीयय कर्मचारियों को मिनिमम गारंटीड पेंशन के तौर पर प्रति माह 10 हजार रुपये मिलेंगे.
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FIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 16:18 IST