Drone Didi: गुजरात की आशाबेन चौधरी सखी मंडल स्कीम से बनीं आत्मनिर्भर, लाखों में कर रहीं कमाई

बनासकांठा: जिले की महिलाएं लंबे समय से कृषि और पशुपालन में कड़ी मेहनत कर रही हैं. लेकिन दिसा के तालेपुरा गांव की आशाबेन चौधरी ड्रोन पायलट के तौर पर अनोखा काम कर रही हैं. ड्रोन के जरिए खेत में अलग-अलग फसलों में दवा का छिड़काव कर महज 6 महीने में एक लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर वह दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा साबित हुई हैं.

क्या है ड्रोन दीदी प्रोग्राम?
बनासकांठा के दिसा तालुक के तलेपुरा गांव की रहने वाली 31 वर्षीय आशाबेन प्रकाशकुमार चौधरी का परिवार पशुपालन और कृषि से जुड़ा है.उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर तक पढ़ाई की है. वर्तमान में ड्रोन दीदी कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं और आसपास के क्षेत्र में ड्रोन की मदद से कीटनाशकों का छिड़काव कर अच्छी कमाई कर रही हैं.

ड्रोन योजना के बारे में जानकारी
सखी मंडल के द्वारा आयोजित इस ड्रोन प्रोग्राम का हिस्सा बनने से पहले उन्हें ड्रोन के बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं था. लेकिन सखी मंडल के द्वारा आयोजित हर क्लास को अटेंड करे के बाद वो पूरी तरह से ड्रोन के फंक्शन को समझ गई हैं.आशाबेन बताती हैं ड्रोन दीदी कार्यक्रम के तहत 2023 में पुणे में मेरी 15 दिनों की ट्रेनिंग थी. उससे पहले इफको में हमारा इंटरव्यू हुआ और फिर मैंने पुणे में परीक्षा दी. परीक्षा में हमसे ड्रोन उड़ाने के साथ-साथ डीजीसीए के नियमों के बारे में भी सवाल पूछे गए.वहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मैंने बनासकांठा में ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव शुरू किया है.फिलहाल मैं बनासकांठा के वाव, थराद, डिसा, वडगाम और मेहसाणा जिलों में ड्रोन के जरिए खेतों में दवा का छिड़काव भी करने जा रही हूं.

आशाबेन को एक मीडियम साइज का ड्रोन, खेत में ले जाने के लिए एक इलेक्ट्रिक गाड़ी और गांव में लाइट की सुविधा अच्छी न होने की वजह से जेनरेटर सेट भी दिया है. आशाबेन अरंडी, मूंगफली, पपीता, बाजरा और सौंफ सहित अन्य फसलों में ड्रोन की मदद से दवाओं का छिड़काव कर चुकी हैं.

ड्रोन से खेतों में स्प्रे करने का कितना आता है खर्च?
एक एकड़ में ड्रोन से दवा छिड़कने में 7 मिनट लगते हैं जिसके लिए 500 रूपए लिए जाते हैं.
आशाबेन के मुताबिक सिर्फ 6 महीने के अंदर
ही उन्हें इस काम से लाखों की कमाई हो जाती है. और अगर उन्हें लगातार ऑर्डर मिले तो वे इस ड्रोन पायलट के जरिए क्लास वन ऑफिसर की सैलरी से भी ज्यादा कमा सकते हैं.

Tags: Gujarat, Gujarat news, Local18, Success Story, Womens Success Story

Source link