चीन छोड़कर इंडिया आई थी ये कंपनी, कमाई देख इतरा रही अपने फैसले पर, अब जप रही भारत की माला

नई दिल्ली. चीन से छिटककर भारत की गोद में आकर बैठने वाली इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) के वारे न्यारे हो गए हैं. भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने विदेशी कंपनियों को यहां निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था, जिसे फॉक्सकॉन ने लपकने में देरी नहीं की. चीन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करने वाली इस कंपनी को शायद अनुमान नहीं था कि भारत में उसे ऐसी शानदार कामयाबी मिलेगी. दरअसल, फॉक्सकॉन के भारत में कारोबार ने 2024 तक 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि निवेश केवल 1.4 अरब डॉलर का ही किया था.

कंपनी के चेयरमैन यंग लियू ने बताया, “पिछले साल तक, हमने 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का कारोबार किया है, और आने वाले साल में हम इससे भी अधिक करेंगे.” वे यह बात फॉक्सकॉन के महिलाओं के लिए बनाए गए रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के दौरान कह रहे थे, जो फॉक्सकॉन के प्लांट के पास है. बता दें कि फॉक्सकॉन एक ताइवानी कंपनी है. यह दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली कंपनी भी है. यह कंपनी ज्यादातर आईफोन और दूसरे एपल प्रोडक्ट्स बनाती है. हाल ही में, यह कंपनी चिप बनाने के कारोबार में भी बढ़ रही है.

पद्म भूषण सम्मान पाकर लियू अभिभूत
लियू को इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था. उन्होंने अपने वर्तमान दौरे के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की. उन्होंने कहा, “भारत प्रगति की ओर बढ़ रहा है, और फॉक्सकॉन इस विकास का हिस्सा बनना चाहता है. हम भारत की वृद्धि के साथ आगे बढ़ेंगे.” यह लियू का भारत में पद्म भूषण मिलने के बाद पहला दौरा था. उन्होंने अपनी भारत यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से की, जहां उन्होंने तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में फॉक्सकॉन के निवेश पर चर्चा की.

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने महिलाओं के लिए बनाए गए इस कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया. इस अवसर पर लियू ने कहा कि फॉक्सकॉन में लिंग के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होता, लेकिन भारत में महिलाओं, विशेष रूप से विवाहित महिलाओं ने कंपनी की सफलताओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. हाल ही में फॉक्सकॉन पर विवाहित महिलाओं की नियुक्ति में भेदभाव का आरोप लगा था, जिसे कंपनी ने खारिज कर दिया और कहा कि उनकी नई भर्तियों में 25% विवाहित महिलाएं थीं.

फॉक्सकॉन में 70% महिला कर्मचारी
फॉक्सकॉन के भारतीय संयंत्र में फिलहाल करीब 48,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से 70% महिलाएं हैं. तमिलनाडु का यह प्लांट देश में महिलाओं की सबसे बड़ी संख्या में रोजगार देने वाला संयंत्र है. SIPCOT द्वारा निर्मित यह कॉम्प्लेक्स 20 एकड़ में फैला हुआ है, जिसकी कुल लागत करीब 706 करोड़ रुपये है, और इसमें 18,000 से अधिक महिला कर्मचारी एक साथ रह सकेंगी.

भारत में फॉक्सकॉन का कारोबार
फॉक्सकॉन ने भारत में अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाया है. कंपनी का भारत में मुख्य रूप से तमिलनाडु में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है, जहां iPhones का उत्पादन होता है. इसके अलावा, कर्नाटक और तेलंगाना में भी कंपनी निवेश कर रही है. 2024 तक फॉक्सकॉन का भारत में कारोबार 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है. कंपनी का उद्देश्य भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग बाजार में और विस्तार करना है, और भारत के बढ़ते टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम का हिस्सा बनना है.

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ताइवान की इस इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन को आधिकारिक रूप से होन हाई प्रिसिशन इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता है. कंपनी की स्थापना 1974 में हुई थी.

क्यों छोड़ा था चीन का साथ
फॉक्सकॉन और अन्य बड़ी कंपनियों के लिए चीन पर निर्भरता कम करने के लिए एक रणनीतिक फैसला लिया था, ताकि सप्लाई चेन के रुकावटों से बचा जा सके. चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव और वैश्विक अस्थिरता के कारण फॉक्सकॉन ने अन्य देशों में विस्तार के विकल्प तलाशे.

चीन में मजदूरी की बढ़ती लागत ने भी फॉक्सकॉन को अपने उत्पादन बेस को भारत में शिफ्ट करने के प्रेरित किया. सबसे बड़ी चीज थी भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल. इस पहल ने कई विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. भारत सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी, टैक्स ब्रेक, और अन्य सुविधाओं ने फॉक्सकॉन को लुभाया.

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