उन्नत अर्थव्यवस्थाएं लगातार पिछडती जा रही हैं. विनिर्माण भारत-चीन की ओर हो रहा है शिफ्ट. सेवाओं का बाजार भी तेजी से हो रहा है बड़ा.
नई दिल्ली. दुनिया में विनिर्माण के क्षेत्र में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और इंग्लैंड की पकड़ लगातार ढीली हो रही है. दूसरी ओर भारत और चीन जैसे उभरते बाजार नए मैन्यूफैक्चरिंग हब बनते जा रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि भारत और चीन जैसे उभरते बाजारों की ओर वैश्विक विनिर्माण उत्पादन शिफ्ट हो रहा है. उन्नत अर्थव्यवस्थाएं अपनी प्रतिस्पर्धा खो रही हैं, जिससे भारत और चीन वैश्विक विनिर्माण परिदृश्य में प्रमुख खिलाड़ी बनते जा रहे हैं.
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “विनिर्माण उत्पादन तेजी से उभरते हुए बाजारों, विशेष रूप से चीन और भारत की ओर स्थानांतरित हो रहा है, क्योंकि उन्नत अर्थव्यवस्थाएं प्रतिस्पर्धात्मकता खो रही हैं.” रिपोर्ट में उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया भी किया गया है. साथ ही भारत और चीन जैसे उभरते बाजारों के लिए वैश्विक विनिर्माण में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के अवसरों को रेखांकित किया गया है.
सेवाओं की बढ़ रही है मांग
आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता व्यवहार में वस्तुओं से सेवाओं की ओर बड़ा बदलाव हो रहा है. यह बदलाव उन्नत और उभरते दोनों बाजारों में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है. हालांकि, इससे विनिर्माण गतिविधियों में मंदी देखी जा रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्था इन दोनों क्षेत्रों के बीच पुनर्संतुलन (Rebalancing) के दौर से गुजर रही है. आईएमएफ ने कहा, “यह पुनर्संतुलन उन्नत और उभरते बाजारों में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन विनिर्माण पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.”
भारत की जीडीपी वृद्धि दर रहेगी 7 फीसदी
आईएमएफ ने 2024 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि अगले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे घटेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जीडीपी वृद्धि 2023 में 8.2 फीसदी से घटकर 2024 में 7 फीसदी और 2025 में 6.5 फीसदी होने की उम्मीद है, क्योंकि महामारी के दौरान संचित मांग अब समाप्त हो चुकी है.
वैश्विक जीडीपी हुई स्थिर
आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर कहा कि अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के बाद से समग्र वृद्धि आउटलुक में बहुत कम बदलाव आया है. महामारी के बाद की मजबूत रिकवरी के बाद, वैश्विक जीडीपी वृद्धि छोटी और मध्यम अवधि में लगभग 3 प्रतिशत के आसपास स्थिर हो गई है. आईएमएफ ने यह भी चेतावनी दी कि यह कमजोर वृद्धि लंबे समय तक बनी रह सकती है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है. महामारी ने दीर्घकालिक रूप से वैश्विक आर्थिक वृद्धि में कमी कर दी है और यह प्रभाव भविष्य में भी जारी रह सकता है.
Tags: Business news, India economy, International Monetary Fund, Manufacturing sector
FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 15:55 IST