नई दिल्ली. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित टैरिफ बढ़ोतरी का भारत की अर्थव्यवस्था पर मामूली असर हो सकता है. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं और चीन से आयातित सामान पर 60% और अन्य देशों पर 20% टैरिफ लगाते हैं, तो भारत की जीडीपी 2028 तक केवल 0.1% कम हो सकती है.
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री अभिषेक गुप्ता और एलेओनोरा मावरोइदी ने रिपोर्ट में कहा कि टैरिफ की वजह से वैश्विक व्यापार में गिरावट और प्रतिस्पर्धा में भारत की स्थिति कमजोर होने से यह असर दिखेगा. हालाँकि, यह नुकसान काफी कम है, और भारत इसे संतुलित करने के लिए उपाय कर सकता है.
ट्रंप की व्यापार नीति और भारत पर असर
डॉनल्ड ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर उच्च टैरिफ लगाने की धमकी दी है, खासकर अमेरिकी सामानों पर लगाए जाने वाले उच्च आयात करों के कारण. उन्होंने भारत को “सबसे बड़ा टैरिफ चार्जर” बताया, जिसका उदाहरण हार्ले डेविडसन इंक. पर लगाए गए आयात कर से दिया. 2019 में, ट्रंप ने भारत का विकासशील राष्ट्र का दर्जा समाप्त कर दिया था, जिससे भारत हजारों उत्पादों को बिना शुल्क के अमेरिका में निर्यात कर सकता था. इसके जवाब में, भारत ने भी कई अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगा दिए. पिछले साल अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार लगभग 127 बिलियन डॉलर रहा.
ट्रंप-मोदी की दोस्ती का असर
ट्रंप ने भले ही भारत पर टैरिफ चार्जर होने का आरोप लगाया हो लेकिन वह भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छे संबंधों का जिक्र करते रहते हैं. ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “सबसे अच्छे इंसान” और अपना दोस्त बताया है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद रहती है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संभावित समाधान
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अनुसार, भारत ट्रंप के संभावित व्यापार प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने के लिए उत्पादन सब्सिडी बढ़ा सकता है और औसत आयात करों में कटौती कर सकता है. यदि भारत 4% का उत्पादन प्रोत्साहन और 1% का आयात करों में कटौती करता है, तो इससे भारत की जीडीपी में 0.5% की बढ़ोतरी हो सकती है, जो आधार स्तर से ऊपर होगी.
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FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 18:33 IST