दुर्गति की ओर पाकिस्‍तान, दोस्‍त देशों ने भी फूटी कौड़ी भी देने से किया इंकार

हाइलाइट्स

पाकिसतन की आर्थिक हालत है खराब. देश में रोज हो रहा है खून-खराबा. चीन-सऊदी अरब ने खींचे हाथ.

नई दिल्‍ली. कर्ज में डूबे पाकिस्तान की ओर भी दुर्गति होती नजर आ रही है. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हमारे पड़ोसी देश की पिछले एक महीने से बैंड ब्‍लूच विद्रोहियों ने भी बजा रखी है. सुरक्षा बलों पर हमलों के अलावा वे पुल और अन्‍य महत्‍वपूर्ण बुनियादी ढांचों को भी निशाना बना रहे हैं. इससे देश में विद्रोह जैसी स्थिति उत्‍पन्‍न होती नजर आ रही. गंभीर सुरक्षा संकट और खराब आर्थिक हालात को देखते हुए अब पाकिस्तान के करीबी दोस्त चीन और सऊदी अरब ने भी निवेश से पीछे हटने का फैसला कर लिया है. दोनों देशों ने अपना निवेश रोक दिया है. सऊदी अरब ने पहले ₹2 लाख करोड़ के निवेश का वादा किया था. लेकिन बाद में यह राशि घटकर ₹40,000 करोड़ कर दी. अब यह निवेश भी ठंडे बस्ते में चला गया है.

चीन द्वारा पाकिस्तान को अतिरिक्‍त ₹1.42 लाख करोड़ निवेश रोकने के पीछे पाकिस्तान में सुरक्षा की कमी का हवाला दिया जा रहा है. पाकिस्तान में कई चीनी परियोजनाएं चल रही हैं, जहां चीनी इंजीनियर्स पर आतंकी हमले हो रहे हैं. पाकिस्तान सरकार इन परियोजनाओं को पर्याप्त सुरक्षा देने में विफल रही है, जिससे चीन नाराज है.

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सऊदी अरब से भी अच्‍छे नहीं रिश्‍ते
सऊदी अरब के साथ भी पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आ गई है. शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी पहली यात्रा सऊदी अरब की थी. तब सऊदी ने ₹2 लाख करोड़ के निवेश का वादा किया था. बाद में इसे संशोधित कर ₹40,000 करोड़ किया. लेकिन, अब तक यह राशि भी पाकिस्‍तान को नहीं मिली है.

अमेरिका से नजदीकी चीन को नहीं आ रही रास
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वित्त मंत्री औरंगजेब ने चीन को लेकर खूब अच्‍छी-अच्‍छी बाते की. लेकिन, चीन ने इन्‍हे कोई खास तवज्जो नहीं दी. जिससे संकेत मिलता है कि चीन पाकिस्तान से खफा है. इसका मुख्य कारण पाकिस्तान की अमेरिका के साथ बढ़ती नजदीकियों को बताया जा रहा है. साथ ही, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में जारी हमलों ने भी चीन की चिंता बढ़ा दी है. यहां पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा है, जो चीन के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है.

यूएई ने भी खींचे अपने हाथ
चीन और सऊदी अरब के बाद अब यूएई ने भी पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. यूएई ने पाकिस्तान में ₹83,000 करोड़ के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन वह निवेश भी फिलहाल रोक दिया गया है. वहीं, सऊदी अरब ने अब भारत में निवेश की तैयारी शुरू कर दी है और भारत में ₹8 लाख करोड़ के निवेश की योजना बना रहा है.

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