Union Budget 2025: क्या काम है बजट का, सरकार हर साल क्यों लाती है इसे?

नई दिल्ली. 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025 पेश किया जाएगा. केंद्र या राज्य सरकारें हर साल बजट लाती हैं. इसी बजट के आधार पर सरकार का सालाना खर्च होता है. लेकिन क्या इसकी सच में जरूरत है. क्या सरकारें बगैर बजट के काम नहीं कर सकती हैं? इसका सीधा जवाब है, नहीं. आज हम इसी पर चर्चा करेंगे कि बजट आखिर क्यों जरूरी है.

भारत करीब 140 करोड़ लोगों का देश है. इतने बड़े देश को आप बिना खर्च और कमाई की रुपरेखा तय किए संचालित नहीं कर सकते. बजट का मकसद देश के संसाधनों का इस तरह से बंटवारा करना होता है जिससे सबसे जरूरतमंद लोगों को भी इसका सर्वाधिक लाभ मिल सके. आइए बजट के महत्व को दर्शाते कुछ बिंदुओं पर नजर डालते हैं.

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संसाधनों का ठीक-ठीक बंटवारा
बजट के जरिए सरकार तय करती है कि देश के पास रखे खजाने का इस्तेमाल कितना और कहां किया जाना है. इसी के माध्यम से पैसे का सही एलोकेशन किया जाता है. बजट समाज के उस तबके तक संसाधन पहुंचाने में मदद करता है जिसे उसे सबसे अधिक जरूरत है. सरकार जरूरतमंद क्षेत्रों की पहचान करके उन तक संसाधन पहुंचाती है.

आर्थिक असमानता को घटाना
आर्थिक असमानता देश की अर्थव्यवस्था के लिए श्राप है. अमीर का अमीर होते जाना और गरीब का गरीबी के दलदल में और धंसते जाना कभी किसी देश को संपन्न नहीं होने दे सकता. इसलिए सरकार समाज में पिछड़े हुए तबकों के लिए विशेष प्रबंध करती है ताकि उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सके. इस तरह से सरकार एक अधिक समावेशी समाज बनाने का प्रयास करती है.

व्यापार और व्यवसाय
हर साल उद्योग जगत सरकार द्वारा पेश किए जा रहे बजट का इंतजार करता है. बजट में उन्हें पता चलता है कि सरकार इस साल कैपिटेल एक्सपेंडिचर किस क्षेत्र में अधिक करने वाली है. क्या उनके सेक्टर को सरकार से इस साल को कोई मदद मिलने वाली है या नहीं. इसीलिए बजट के आसपास वाले दिनों में कई कंपनियों के शेयरों में तेज बढ़त या घटत चालू हो जाती है. सरकार बजट में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए फंड एलोकेट करती है. इससे सरकारी और निजी दोनों कंपनियों को लाभ होता है.

आर्थिक प्रगति को बढ़ावा
सरकार बजट के माध्यम से देश की आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करती है. किसी भी देश को आगे बढ़ाने के लिए उसका निवेश और खर्च बहुत मायने रखता है. सरकार बजट में टैक्स प्रावधानों में बदलाव करती है और इसके जरिए यह तय होता कि आम जनता को पैसा ज्यादा खर्च करने का प्रोत्साहन देने के लिए टैक्स में छूट दी जाए या सेविंग्स को ज्यादा बढ़ाने के लिए टैक्स बढ़ाया जाए.

Tags: Budget session, India economy

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