Foxconn की नई पहल: भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव, महिलाओं के लिए खुले नए अवसर

Apple की प्रमुख सप्लायर Foxconn ने भारत में iPhone असेंबली प्लांट्स के लिए अपनी भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. अब एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे नौकरी के विज्ञापनों में उम्र, लिंग, और वैवाहिक स्थिति जैसे मापदंडों का जिक्र न करें.

साथ ही, कंपनी का नाम भी विज्ञापन में शामिल करने पर रोक लगा दी गई है. यह कदम Reuters की एक रिपोर्ट के बाद उठाया गया, जिसमें खुलासा हुआ था कि शादीशुदा महिलाओं को नौकरी से वंचित रखा जा रहा था.

तमिलनाडु के Sriperumbudur में स्थित Foxconn प्लांट में बड़ी संख्या में महिलाएं काम करती हैं. कंपनी के लिए भर्ती का काम थर्ड-पार्टी की एजेंसियों को सौंपा गया है, जो उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करती हैं और आखिर में Foxconn उन्हें सिलेक्ट करता है.

भर्ती प्रक्रिया में भेदभाव का पर्दाफाश

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2023 से मई 2024 के बीच Foxconn की भारतीय एजेंसियों ने ऐसे विज्ञापन जारी किए, जिनमें सिर्फ अविवाहित महिलाओं को नौकरी के योग्य माना गया. यह Apple और Foxconn की नीतियों के खिलाफ था, जो किसी भी तरह के भेदभाव को नकारती हैं.

रिपोर्ट सामने आने के कुछ ही दिनों बाद, Foxconn ने अपनी एजेंसियों को विज्ञापनों का कंटेंट बदलने और कंपनी के तय टेम्पलेट का पालन करने के निर्देश दिए. अब विज्ञापन में न तो किसी खास लिंग, उम्र, या वैवाहिक स्थिति की बात होगी और न ही Foxconn का नाम.

विज्ञापनों में क्या बदला?

नए विज्ञापनों में सिर्फ नौकरी से जुड़े फायदे गिनाए गए हैं, जैसे एयर-कंडीशंड वर्कप्लेस, फ्री ट्रांसपोर्ट, हॉस्टल सुविधा और 14,974 रुपये प्रति माह का वेतन. Foxconn के नए टेम्पलेट्स यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भेदभाव न हो.

सरकारी जांच और मीडिया की भूमिका

रिपोर्ट के बाद, भारत सरकार ने Foxconn की भर्ती प्रक्रियाओं की जांच शुरू की. श्रम अधिकारियों ने प्लांट का निरीक्षण किया और कंपनी अधिकारियों से पूछताछ की. हालांकि, इस जांच के नतीजों को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार Foxconn की भारत में मौजूदगी को देश की अर्थव्यवस्था के लिए अहम मानती है. अगस्त में Foxconn के चेयरमैन Young Liu ने भारत दौरे के दौरान शादीशुदा महिलाओं की कार्यक्षमता की तारीफ की और प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात की थी.

असल बदलाव या दिखावटी कोशिश?

विशेषज्ञों का मानना है कि मीडिया के दबाव और Apple की प्रतिष्ठा बचाने के लिए Foxconn यह कदम उठा रहा है. Perfect Relations के को-फाउंडर दिलीप चेरियन का कहना है कि यह पता लगाना बाकी है कि बदलाव का असर असल में महिलाओं के अवसरों पर होगा या यह सिर्फ कानूनी जिम्मेदारी निभाने का दिखावा है.

Foxconn के इन कदमों को भारत में रोजगार की स्थितियों में सुधार के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है. अब यह देखना होगा कि यह बदलाव महिलाओं, खासकर शादीशुदा महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने में कितने कारगर साबित होते हैं.

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