कारोबारियों को टैक्स पर राहत देने की तैयारी, अब देरी पर नहीं दर्ज होगा केस

नई दिल्ली. भारत में सरकार कई तरह के टैक्स वसूलती है. इनमें आयकर, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST), एलटीसीजी, एसटीसीजी, टीडीएस और टीसीएस शामिल हैं. टैक्स चोरी और उसमें देरी दोनों, अपराध है. लेकिन, आम बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स प्रणाली को आसान बनाने का ऐलान किया था. इसी कड़ी में TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) पर सरकार एक बड़ी राहत दे सकती है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष रवि अग्रवाल के अनुसार, सरकार फाइनेंस बिल में टीसीएस दाखिल करने में देरी को अपराध की श्रेणी से बाहर रख सकती है. फिलहाल, टीसीएस दाखिल करने में कोई भी देरी अपराध के दायरे में आती है.

हालाँकि, प्रस्तावित राहत पर उसी तरह विचार किया जा रहा है जैसा कि केंद्रीय बजट में टीडीएस को लेकर घोषणा की गई थी.

ये भी पढ़ें- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे कब शुरू होगा, कितना काम पूरा और कितना बाकी? नितिन गडकरी ने संसद में सबकुछ बताया

CBDT चेयरमैन ने दी जानकारी

सीबीडीटी चेयरमैन रवि अग्रवाल ने मनीकंट्रोल से कहा, “टीसीएस के संबंध में भी हम ऐसा कर सकते हैं (देरी से भुगतान को अपराध की श्रेणी से बाहर रखना). हम वित्त विधेयक में जरूरी संशोधन कर सकते हैं और इस बारे में हम जल्द ही निर्णय लेंगे. ”

दरअसल बजट में करदाताओं पर टैक्स अनुपालन बोझ को कम करने के लिए संबंधित तिमाही के लिए टीडीएस रिटर्न दाखिल करने तक भुगतान करने की अनुमति देने वाले प्रावधान किए गए हैं, जिसमें इस टीडीएस भरने में देरी पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनेगा. ठीक इसी तरह, उद्योग जगत ने भी डिक्रिमिनलाइजेशन क्लॉज को टीसीएस तक भी बढ़ाने की मांग की है.

क्या होता है TCS

टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स (TDS) और टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (TCS) कर वसूल करने के दो तरीके हैं. दोनों ही टैक्स पर रिटर्न फाइल करने की जरूरत होती है. TCS का मतलब स्रोत पर एकत्रित टैक्स (इनकम से इकट्ठा किया गया टैक्स) होता है. TCS का भुगतान विक्रेता, डीलर, वेंडर, दुकानदार की ओर से किया जाता है. इस तरह का टैक्‍स तभी काटा जाता है जब भुगतान की राशि एक लिमिट से ज्‍यादा होती है.

Tags: Budget session, FM Nirmala Sitharaman, Income tax latest news

Source link