22 डिब्‍बों वाली ट्रेन में कितने AC और नॉन एसी कोच होते हैं?

नई दिल्ली. पिछले कुछ वक्‍त से ट्रेनों में AC और नॉन AC कोच को लेकर काफी चर्चाएं हुई हैं. विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ही कुछ अन्‍य तब‍के लोगों ने यह सवाल कई बार उठाया है कि ट्रेनों में AC कोच की संख्‍या बढ़ा दी गई है, जिससे सामान्‍य कोच से यात्रा करने वाले आमलोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आरोप है कि स्‍लीपर के साथ ही सामान्‍य कोच की संख्‍या कम होने की वजह से लोगों को ज्‍यादा पैसे लगाकर AC कोच में टिकट बुक कराना पड़ता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने संसद में इस आरोप का जवाब दिया है. साथ ही बताया है कि 22 बोगी वाले मेल/एक्‍सप्रेस ट्रेनों में AC और नॉन एसी कोचों की कितनी संख्‍या होती है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने संसद में बताया कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के स्‍ट्रक्‍चर से जुड़ी मौजूदा नीतियों के तहत 22 डिब्बों वाली ट्रेन में सामान्य और स्लीपर कैटेगरी के 12 नॉन एसी कोच और 8 AC डिब्बों का प्रावधान है. वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘कोविड महामारी के कारण 2019 से 2024 के बीच यात्री यातायात में काफी भिन्नता थी. बहरहाल, भारतीय रेल विभिन्न संरचना के साथ विभिन्न प्रकार की नियमित समय-सारणी वाली गाड़ियों जैसे सब-अर्बन, कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनों, लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट गाड़ियों का परिचालन करती है.’

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10000 नॉन AC कोच
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्‍यसभा में दिए जवाब में बताया कि रेलवे की 10,000 नॉन AC पैसेंजर कोच तैयार करने की प्‍लानिंग है. वैष्णव ने कहा, ‘मौजूदा नीति के अंतर्गत 22 कोच वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में 12 नॉन AC और 8 AC डिब्बों की व्‍यवस्‍था है. इससे सामान्य और गैर-वातानुकूलित स्लीपर कोच के यात्रियों को अधिक स्थान मिलता है.’ ऐसे में रेल मंत्री ने उन आलोचकों को भी जवाब दिया, जिनका कहना है कि ट्रेनों में एसी कोच ज्‍यादा लगाए जा रहे हैं. सामान्‍य और स्‍लीपर क्‍लास के कोचों को जानबूझकर कम किया जा रहा है.

रेल मंत्री ने दिया ब्‍योरा
अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि इस समय ट्रेन सर्विस ऑपरेशन के लिए उपयोग किए जा रहे कुल सवारी डिब्बों में से दो -तिहाई नॉन AC और एक-तिहाई AC हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने अमृत भारत रेलगाड़ी सेवाओं का परिचालन भी शुरू कर दिया है जो यात्रियों को उच्च गुणवता वाली सेवाएं प्रदान करने वाली पूर्ण रूप से नॉन AC रेलगाड़ियां हैं. उन्होंने बताया कि बढ़ी हुई मांग को ध्यान में रखते हए भारतीय रेल ने सामान्य और स्‍लीपर डिब्बों सहित 10,000 नॉन AC सवारी डिब्बों के निर्माण की योजना बनाई है.

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