इस फैसले के दायरे में बिस्किट, नमकीन, पैक्ड जूस जैसे आइटम आएंगे. पैकेट पर खाद्य पदार्थ में इस्तेमाल हुई सामग्री की स्पष्ट जानकारी देनी होगी. छोटे अक्षरों में जानकारी लिखी होने से वह नजर नहीं आती.
नई दिल्ली. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों (Packaged Food Items) के लेबल पर कुल चीनी, नमक और संतृप्त वसा की पोषण संबंधी जानकारी मोटे अक्षरों में और अपेक्षाकृत बढ़े हुए फॉन्ट साइज में प्रदर्शित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अभी तक पैकेज्ड फूड्स के बारे में डिब्बों पर यह जानकारी बहुत सी कंपनियां बहुत छोटे अक्षरों में लिखती हैं और ये आसानी से नजर नहीं आती. इस फैसले के दायरे में बिस्किट, नमकीन, पैक्ड जूस जैसे तमाम खाद्य पदार्थ आएंगे. जब उपभोक्ता को पैक्ड फूड के बारे में पूरी जानकारी होगी तो यह सही फैसला ले सकेगा.
ब्लड प्रेशर, डायबीटीज के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच यह फैसला कई रोगों से निपटने में सहायक होगा. FSSAI इस बारे में एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगा और हितधारकों से टिप्पणियां मांगेगा. एफएसएसएआई के अध्यक्ष अपूर्व चंद्रा की अध्यक्षता में आयोजित खाद्य प्राधिकरण की 44वीं बैठक में पोषण संबंधी जानकारी लेबलिंग के संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम, 2020 में संशोधन को मंजूरी देने का फैसला लिया गया. संशोधन का मकसद उपभोक्ताओं को उत्पाद के पोषण मूल्य को अच्छी तरह समझने और बेहतर फैसला लेने में सक्षम बनाना है.
भ्रामक दावों को रोकने को सक्रिय हुआ एफएसएसएआई
FSSAI झूठे और भ्रामक दावों को रोकने के लिए समय-समय पर सलाह जारी करता रहा है. इनमें ‘हेल्थ ड्रिंक’ (Health Drink) शब्द को हटाने के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट को भेजी गई सलाह शामिल है क्योंकि यह एफएसएस अधिनियम 2006 या उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के तहत कहीं भी परिभाषित या मानकीकृत नहीं है.
फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBO) को फ्रूट जूस के लेवल और विज्ञापनों से शत- प्रतिशत फलों के रस जैसे दावे को तुरंत प्रभाव से हटाने का निर्देश भी दिया गया है. अगर किसी जूस में मिलाए गए स्वीटनर 15 ग्राम प्रति किलो से अधिक है, तो उस उत्पाद को स्वीटेड जूस के रूप में लेबल करने का फैसला लिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 08:39 IST