सट्टे जैसी है शेयर बाजार में ट्रेडिंग, PM मोदी के सलाहकार को खटक रही

हाइलाइट्स

नीलेश शाह ने फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग को लेकर अपनी चिंता जाहिर कीप्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य हैं नीलेश शाह‘शेयर बाजार में F&O ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने की जरूरत है’

कोलकाता. शेयर बाजार में फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग से आम निवेशकों को होने वाले नुकसान को लेकर सेबी और आरबीआई चिंतित है. अब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अंशकालिक सदस्य नीलेश शाह ने भी इस पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में स्पेक्यूलेटिव ट्रेडिंग और फ्यूचर व ऑप्शन ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने व लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की आदत विकसित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है. कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शाह ने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार लॉन्ग टर्म कैपिटल इन्वेस्टमेंट, रिटेल निवेशकों और भारतीय कंपनियों के लिए धन बढ़ाना का काम कर सकता है.

नीलेश शाह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ हमें स्पेक्यूलेटिव ट्रेडिंग को हतोत्साहित करना चाहिए ताकि शेयर बाजार में निवेश को बढ़ावा मिले. इसमें ज्यादातर लोग पैसा खो देते हैं. अगर सरकार फ्यूचर व ऑप्शन ट्रेडिंग पर हाई टैक्स लगाने पर विचार कर रही है, तो यह सही कदम होगा.’’

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F&O ट्रेडिंग में ज्यादा टैक्स लगाने पर विचार

मीडिया में जारी उन अटकलों के बारे में पूछे गए एक प्रश्न पर शाह ने यह बात कही, जिनमें कहा गया है कि वित्त मंत्रालय आगामी केंद्रीय बजट में वायदा एवं विकल्प (F&O) के लेनदेन पर अधिक कर लगाने की योजना बना रहा है. मीडिया अटकलों के अनुसार, प्रस्तावित बदलावों में इन लेनदेन को नॉन-स्पेक्यूलेटिव इनकम से स्पेक्यूलेटिव इनकम के रूप में पुनर्वर्गीकृत करना तथा संभवतः उन पर टीडीएस लगाना शामिल हो सकता है.

दूसरी ओर, शाह अनेक चुनौतियों के बावजूद देश की वृद्धि गति, इसकी अपार संभावनाओं और अवसरों के प्रति आशावादी हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को दिए गए अपने बजट-पूर्व ज्ञापन में एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष विनोद कुमार गोयल ने सुझाव दिया कि लेनदेन (गैर-डिलीवरी आधारित) से होने वाली आय/हानि (जो उसी दिन चुकता कर दी जाती है) को व्यवसाय आय के बराबर माना जाना चाहिए…स्पेक्यूलेटिव इनकम नहीं.

(भाषा से इनपुट के साथ)

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