ITR भरना और आसान, मशीन के साथ इंसान भी सॉल्‍व करेंगे आपकी प्रॉब्‍लम

हाइलाइट्स

अब फेसलेस असेसमेंट सिस्‍टम को हाइब्रिड मॉडल पर तैयार किया जाएगा.करदाताओं को मशीनी और इंसानी दखल से समाधान का विकल्‍प मिलेगा. अभी मिलने वाला वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग आधारित असेसमेंट सिस्‍टम लागू रहेगा.

नई दिल्‍ली. इनकम टैक्‍स विभाग ने अपने करदाताओं को और सहूलियत देने का मन बना लिया है. इसके लिए सरकार फेसलेस इनकम टैक्‍स असेसमेंट सिस्‍टम को ज्‍यादा टैक्‍सपेयर फ्रेंडली बनाने जा रही है. आईटी विभाग को इस बारे में कई सिफारिशें मिली हैं, जिसमें करदाताओं ने फेसलेस असेसमेंट सिस्‍टम को इम्‍प्रूव करने की बात कही है.

दरअसल, अप्रैल 2021 में लागू हुए फेसलेस सिस्‍टम के बाद इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने और उसकी जांच पड़ताल करने में मानवीय दखल खत्‍म हो गया है. अब सारा काम एआई आधारित इलेक्‍ट्रॉनिक सिस्‍टम से होता है. यहां तक कि किसी टैक्‍स विवाद और उसके आकलन का काम भी फेसलेस सिस्‍टम से ही किया जा रहा है. लेकिन, अब इस प्रक्रिया को और आसान बनाने की कवायद है. अभी इस सिस्‍टम के तहत इनकम टैक्‍स विभाग रिटर्न प्रोसेसिंग, रिफंड, टैक्‍स असेसमेंट, स्‍क्रूटनी और अपील प्रबंधन का काम करता है.

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क्‍या हो सकते हैं बदलाव
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब फेसलेस असेसमेंट सिस्‍टम को हाइब्रिड मॉडल पर तैयार किया जाएगा. यह सिस्‍टम करदाताओं को फेसलेस और इन-पर्सन रिजोलूशन यानी मशीनी और इंसानी दखल से समस्‍या के समाधान का विकल्‍प देगा. करदाता अपने हिसाब से कोई भी एक तरीका चुन सकता है. नया सिस्‍टम लागू होने के बाद आईटीआर में आने वाली समस्‍याओं का जल्‍दी और आसान तरीके से समाधान हो सकेगा.

वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग सिस्‍टम लागू रहेगा
इनकम टैक्‍स विभाग भले ही नया सिस्‍टम लागू कर रहा है, लेकिन अभी मिलने वाली वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग आधारित असेसमेंट सिस्‍टम को भी लागू रखा जाएगा. इंडीविजुअल और बिजनेस टैक्‍सपेयर्स दोनों ने ही इनकम टैक्‍स विभाग से इन-पर्सन इंटरैक्‍शन लागू करने की मांग की थी. इससे टैक्‍स को लेकर कोई विवाद होने पर जल्‍दी समाधान किया जा सकेगा.

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट
ईवाई के टैक्‍स एंड रेगुलेटरी सर्विसेज के पार्टनर सुधीर कपाडि़या का कहना है कि नया सिस्‍टम लागू होने के बाद खासतौर से बड़े और जटिल मामलों को सुलझाने में मदद मिलेगी. कई बार ऐसा होता है जब करदाताओं को अपने फैक्‍ट और डॉक्‍यूमेंट अपलोड करने का पर्याप्‍त समय नहीं मिलता है. नया सिस्‍टम इस समस्‍या का समाधान कर सकता है. कपाडि़या का कहना है कि इससे टैक्‍स विवादों की लगी लंबी लाइनों से भी छुटकारा मिल सकता है.

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