लखीमपुर: यूपी के लखीमपुर जिले के रहने वाले किसान सतीश वर्मा 4 सालों से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. किसान सतीश वर्मा परसादपुर गांव के रहने वाले हैं. वह मधुमक्खी पालन से घर बैठे ही लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं.
मधुमक्खी पालन करने वाले किसान ने बताया
किसान सतीश वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वह पिछले 4 सालों से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं और साथ ही कुछ किसानों को मधुमक्खी पालन करने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं. किसान ने बताया कि भारत ही नहीं, दुनियाभर में शहद की खूब मांग रहती है. जहां शहद का कई तरह की औषधियों में इस्तेमाल होने के साथ ही पोषक तत्वों की वजह से मधुमक्खी पालन कम लागत में मोटी कमाई देने वाला बिजनेस बना हुआ है. मधुमक्खी पालन में किसानों को अच्छा मुनाफा हो जाता है.
मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग है जरूरी
मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण लेना बहुत जरूरी है. क्योंकि मधुमक्खी एक जीवित जीवित प्राणी है और अगर इसे पूरे साल इनको मेंटेन करना है तो अलग अलग ऋतुओं और सीजन के हिसाब से इसे मैनेज करना पड़ता है. इसके अलावा मधुमक्खियों को किस टाइम पर किस तरह की फीडिंग करानी है, उसकी जानकारी होनी चाहिए.
जबकि मधुमक्खियों को कैसे कीट पतंगों से या बीमारी से बचाना है उसकी जानकारी भी होनी चाहिए, ताकि संक्रमित जगह से बक्सों को किस तरह ट्रांसफर किया जा सके. मधुमक्खियों को किस तरह डिवाइड और यूनाइट करना आना चाहिए.
मधुमक्खी पालन से मिल रहा रोजगार
वहीं, किसान सतीश चंद्र वर्मा ने बताया मधुमक्खी पालन हम लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. इस समय मधुमक्खी पालन कर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. उनके साथ-साथ आसपास के रहने वाले किसानों को भी फायदा हो रहा है.
मधुमक्खी पालन बना व्यवसाय
बता दें कि आजकल मधुमक्खी पालन एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है. यह एक ऐसा कारोबार है, जिसे लोग बड़ी मोटी कमाई करने के लिए करते हैं. इससे किसानों को अधिक पैदावार प्राप्त करने में काफी मदद मिलती है. यह कम खर्चीला घरेलू उद्योग है, जिसे हर वर्ग के लोग अपना कर लाभ पा सकते हैं.
शहद बिजनेस का हो 2 तरीका
शहद का बिजनेस करने के लिए आपके पास दो तरीके हैं. पहला आप किसानों से शहद लेकर अपनी ब्रांडिंग के साथ पैक कर इसे बाजार में बेच सकते हैं, तो वहीं दूसरा आप खुद ही मधुमक्खी पालन कर शहद निकालकर अपनी ब्रांडिंग के साथ इसे बाजार में बेच सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 12:39 IST