लखनऊ की गोमती नगर कॉलोनी जानते हो न! क्‍यों यहां V अक्षर से बने हैं 21 खंड

हाइलाइट्स

गोमती नगर को बसाने का काम 1983 में शुरू हुआ था. इस कॉलोनी का पहला खंड विजय खंड नाम से बसा था. इसका आखिरी खंड विराम खंड के नाम से बसाया गया.

नई दिल्‍ली. देश के सबसे बड़े राज्‍य यूपी की राजधानी लखनऊ की सबसे बड़ी कॉलोनी गोमती नगर का नाम तो हर किसी ने सुना होगा. आप में से बहुत से लोगों ने यहां घर भी बनाए होंगे तो तमाम लोगों का कोई न कोई परिचित इस कॉलोनी के किसी न किसी खंड में रहता भी जरूर होगा. जरा अपने उन परिचितों और रिश्‍तेदारों से पूछिए कि इस कॉलोनी में बसाए गए 21 खंडों में सभी का नाम आखिर वी (V) अक्षर से ही क्‍यों रखा गया. आपको बता दें कि गोमती नगर को न सिर्फ यूपी, बल्कि एशिया की सबसे बड़ी रिहायशी कॉलोनियों में गिना जाता है.

हमें पक्‍का पता है कि आपको भी इस सवाल का जवाब नहीं पता होगा और न ही आपके परिचितों को. तो, चलिए आज हम आपका ज्ञानवर्धन कर देते हैं और इस राज से पर्दा उठाते हैं कि आखिर क्‍यों गोमती नगर के सभी 21 खंडों का नाम वी अक्षर से शुरू किया गया है. गोमती नदी के किनारे बसी इस कॉलोनी का किस्‍सा बड़ा दिलचस्‍प है, जिसके बारे में कहीं आपको सरकारी दस्‍तावेज तो नहीं मिलेंगे लेकिन पुराने अधिकारियों और लोगों से इसका किस्‍सा जरूर सुना जा सकता है.

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क्‍या हैं इन खंडों के नाम
जैसा कि हमने आपको बताया कि गोमती नगर कॉलोनी में कुल 21 खंड है. इसके निर्माण की शुरुआत हुई थी विजय खंड से और आखिरी बसावट रही विराम खंड में. इसके अलावा गोमती नगर में विभूति खंड, विश्वास खंड, विशाल खंड, विपुल खंड, विकास खंड, विनय खंड, विवेक खंड, विराट खंड, विराज खंड, विशेष खंड, विभव खंड, विजयंत खंड, विक्रांत खंड, विपिन खंड, वास्तु खंड, विकल्प खंड, विनम्र खंड, व्‍योम खंड और विनीत खंड भी बनाए गए.

संघर्ष से जुड़ा है किस्‍सा
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के इस महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट की कहानी भी बड़ी दिलचस्‍प है. गोमती नगर को बसाने की शुरुआत आज से करीब 41 साल पहले 1983 में हुई थी. उस समय एलडीए के वीसी थे अखंड प्रताप सिंह. उन्‍होंने अन्‍य अधिकारियों के साथ मिलकर जब गोमती नगर टाउनशिप को बसाने की योजना बनाई तो सामने सबसे बड़ी चुनौती अवैध रूप से रहने वाले किसानों व अन्‍य बाहुबलियों को हटाने की थी. आखिरकार 6 महीने की मशक्‍कत के बाद इन अधिकारियों ने अवैध कब्‍जे को हटाकर पहला खंड बनाया.

‘विजय’ से निकला पहला नाम
जैसा कि हमने बताया कि अवैध कब्‍जे के हटाने के बाद जब एलडीए ने पहली बसावट शुरू की तो उनके सामने अगली समस्‍या आई इसका नाम रखने की. तब अधिकारियों ने सुझाव दिया कि इस कॉलोनी को बसाने के लिए अपने लंबे संघर्ष के लिए विजय हासिल की है, लिहाजा पहले खंड का नाम ‘विजय खंड’ रखा जाए. इस तरह गोमती नगर के विजय खंड इलाके का जन्‍म हुआ. एलडीएस के सचिव पवन कुमार गंगवार का कहना है क‍ि पहले खंड का नाम ‘वी’ अक्षर से रखने के बाद जो भी अधिकारी आते गए, उन्‍होंने इसी परंपरा को बनाए रखा और इस तरह एक ही अक्षर से गोमती नगर का विस्‍तार होता चला गया.

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