आयुष्मान भारत योजना: 5 नहीं, 10 लाख का बीमा कवर देने की तैयारी में सरकार

हाइलाइट्स

आयुष्‍मान योजना का बीमा कवर 5 लाख रुपये से बढाकर 10 लाख करने का प्रस्‍ताव. महिलाओं को इस योजना के तहत कुछ मामलों में 15 लाख का कवर देने का प्रस्‍ताव. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय अब इस प्रस्‍ताव को वित्त मंत्रालय और कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजेगा.

नई दिल्‍ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत बीमा कवर को दोगुना कर 10 लाख रुपये और महिलाओं के लिए 15 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव रखा है. यह प्रस्ताव सामाजिक क्षेत्र पर सचिवों के समूह (GoS) द्वारा तैयार किया गया है और इसे अगले पांच वर्षों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है. मंत्रालय की योजना निजी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी बढ़ाने की है. वर्तमान में, आयुष्मान भारत, यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लगभग 7.22 लाख निजी अस्पताल के बिस्तर हैं. इसे 2026-27 तक बढ़ाकर 9.32 लाख और 2028-29 तक 11.12 लाख करने का प्रस्ताव है.

आयुष्मान भारत योजना, जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के नाम से भी जाना जाता है. वर्तमान में 5 लाख रुपये प्रति परिवार का वार्षिक बीमा कवर प्रदान करती है. यह योजना देश के लगभग 55 करोड़ लोगों को कवर करती है, जो कि कुल आबादी का का 40 फीसदी है. नए प्रस्ताव के अनुसार, बीमा कवर को 10 लाख रुपये प्रति परिवार तक बढ़ाया जाएगा, और विशेष बीमारियों के मामले में महिलाओं के लिए यह कवर 15 लाख रुपये तक किया जा सकता है. इसके साथ ही, लाभार्थियों की संख्या को 55 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है.

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वित्‍त मंत्रालय को भेजी जाएंगी सिफारिशें
इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्ताव नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर आधारित है. समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप दिया जाएगा और वित्त मंत्रालय और कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

भाजपा आयुष्‍मान भारत योजना को एनडीए सरकार की सफलताओं में से एक मानती है और इस साल लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणापत्र में 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को इसका कवरेज बढ़ाने का वादा किया गया है. सचिवों के विभिन्न समूहों को भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ से लक्ष्यों को मैप करने और इन्हें चुनावी समयसीमा में शामिल करने का काम सौंपा गया है. इस साल की शुरुआत में, आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन का मूल्यांकन करने और धोखाधड़ी को कम करने के लिए एक पैनल का गठन किया गया था. उम्मीद है कि यह पैनल एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.

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