बच्‍चे का आधार कार्ड बनाते वक्‍त इन चार में से एक गलती कर ही देता है हर कोई

नई दिल्‍ली. आधार कार्ड आज एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है. अब इसे हमारी पहचान का सबसे मजबूत प्रमाण माना जाता है. इसके बिना हम कई आवश्यक कार्य जैसे बैंक खाता खुलवाना, स्कूल-कॉलेज में एडमिशन आदि नहीं कर सकते. इसलिए अब हर व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य हो गया है. बच्चों का भी आधार कार्ड (Aadhaar card for children) बनाया जा सकता है. पांच साल तक के बच्चों का आधार कार्ड नीले रंग का होता है. इस आधार कार्ड में बच्चे के बायोमैट्रिक जानकारी नहीं होती, मतलब उसकी उंगलियों के निशान और आंखों के रेटिना को स्कैन नहीं किया जाता. यह दोनों जानकारी 5 साल के बाद दर्ज की जाती हैं.

जन्‍म के बाद बच्‍चे का आधार कार्ड जरूर बनवाना चाहिए. ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्‍योंकि अब आधार बहुत से कामों के लिए जरूरी है. अगर आपने अपने बच्‍चे का आधार कार्ड नहीं बनवाएंगे तो हो सकता है आगे आपको परेशानी हो. अब तो बहुत से स्‍कूल एडमिशन के समय ही आधार कार्ड मांगने लगे हैं. लेकिन, बच्‍चे का आधार कार्ड बनवाते वक्‍त आमतौर पर अभिभावक कोई न कोई गलती कर देते हैं. आज हम उन कॉमन मिस्‍टेक्‍स के बारे में जानेंगे, जो अभिभावक आमतौर पर करते हैं.

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नाम लिखवाने में गलती
बच्‍चे का आधार कार्ड बनवाते समय उसका नाम सही दर्ज कराएं. नाम की स्‍पेलिंग और सरनेम आदि का खास ख्‍याल रखें. नाम में गलती होने से बाद में दिक्‍कत होती है तथा इसे ठीक करवाने के लिए समय बर्बाद करना पड़ता है. लेकिन, बहुत से माता-पिता यह काम करते वक्‍त गलती कर देते हैं.

माता-पिता के नाम में मिस्‍टेक
आधार कार्ड में बच्‍चे के माता-पिता का नाम लिखवाने में भी बहुत से अभिभावक गलती करते हैं. कई बार होता यह है कि आधार केंद्र में भीड़भाड़ की वजह से या फिर अस्‍पताल में बच्‍चे के माता-पिता में से किसी एक का नाम गलत दर्ज हो जाता है. खासकर सरनेम को लेकर काफी गड़बड़ देखने को मिलती है.

गलत एड्रेस
बच्‍चे का आधार कार्ड बनवाते समय एड्रेस सही से दर्ज कराएं. आमतौर पर पिता के आधार कार्ड में दर्ज एड्रेस को ही दर्ज किया जाता है और इस संबंध में पिता के ही डॉक्‍यूमेंट मांगे जाते हैं. लेकिन, फिर भी कंप्‍यूटर में दर्ज की जानकारी पर एक बार नजर जरूर मार लें.

माता-पिता के आधार से लिंक
बच्‍चे के आधार कार्ड को मां-बाप के आधार से लिंक जरूर कराना चाहिए. इससे बच्चे की पहचान माता पिता के आधार कार्ड से आसानी से की जा सकती है. लेकिन, कुछ लोग यह जरूरी काम नहीं कराते.

5 साल के बाद अपडेट जरूर कराएं
5 साल की उम्र के बाद बच्‍चे के नीले आधार कार्ड को अपडेट करा सकते हैं. 5 साल से लेकर 15 साल के बीच में इसे अपडेट कराना जरूरी है. अपडेट करते वक्‍त आंखों के रेटिना स्कैन की जानकारी और फिंगरप्रिंट की जानकारी दर्ज की जाती है.

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