नई दिल्ली. यूं तो डिजिटल इंडिया से भारत को काफी फायदा हुआ है, मगर इसी डिजिटल युग में ऑनलाइन स्कैम्स ने भी रफ्तार पकड़ ली है. एक आंकड़ा है कि 2024 के पहले 4 महीनों में भारत में लगभग 1,750 करोड़ रुपये ऑनलाइन स्कैम में लोगों द्वारा गंवाए जा चुके हैं. यह अमाउंट छोटा-मोटा नहीं है. स्कैमर हर नए दिन कोई न कोई नया स्कैम करने का तरीका खोज लाते हैं, और फिर अपना खेल शुरू कर देते हैं. इसलिए जरूरी है कि आपको हर तरह के स्कैम के बारे में जानकारी रहे, ताकि आपके साथ वैसा स्कैम न हो.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के एक व्यक्ति को वॉट्सऐप पर शादी का एक कार्ड मिला. जब उसने उस कार्ड को खोलकर देखने के लिए क्लिक किया तो साढ़े 4 लाख रुपये की चपत लग गई. इसी तरह के मामले हिमाचल प्रदेश, और गुजरात समेत भारत के कई राज्यों से आ चुके हैं.
शादी के सीजन को भुनाने के लिए साइबर क्रिमिनल्स ने ‘शादी के कार्ड’ को अपना हथियार बनाया है. शादी के कार्ड के बहाने एक फाइल आपके वॉट्सऐप पर आती है. जब आप उसे खोलकर देखने की कोशिश करते हैं तो एक APK फाइल डाउनलोड होकर फोन में इंस्टॉल हो जाती है. यह ऐप आपकी पूरी निजी जानकारी हैकर तक पहुंचा देती है और फिर बैंक अकाउंट से पैसा निकलने का सिलसिला शुरू हो जाता है. देखते ही देखते अकाउंट खाली भी हो जाता है.
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जब किसी हैकर की पहुंच आपके मोबाइल तक हो जाती है तो फोन पर आने वाले किसी भी ओटीपी को वे पढ़ सकते हैं. एक बार ओटीपी जब उनके हाथ में आ जाता है तो फिर कोई बचा नहीं सकता. बिजनेस स्टैंडर्ड ने ईवाई फॉरेंसिक एंड इंटीग्रिटी सर्विसेज के पार्टनर विक्रम बब्बर के हवाले से लिखा है कि मालवेयर (वायरस) वाली फाइल अक्सर किसी अंजान नंबर से आती है, लेकिन भेजने वाले का नाम जाना पहचाना हो सकता है. जैसे ही आप इसे खोलते हैं, यह आपके फोन में मालवेयर डाल देती है, जो आपकी बैंकिंग जानकारी चुराकर अवैध ट्रांजेक्शन करता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
हिमाचल प्रदेश के CID और साइबर अपराध विभाग के DIG मोहित चावला ने मनीकंट्रोल से कहा कहा, “अगर आपको किसी अनजान नंबर से कोई अनचाहा शादी का निमंत्रण या कोई फाइल मिलती है, तो उस पर क्लिक न करें. अपने फोन पर कुछ भी डाउनलोड करने से पहले भेजने वाले को वेरिफाई कर लेना चाहिए.”
भारत में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) अधिनियम, 2000 के तहत साइबर सुरक्षा कानून ऑनलाइन धोखाधड़ी, डेटा उल्लंघनों और दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों की बढ़ती समस्याओं के बारे में बात करते हैं. आईटी अधिनियम की धारा 66D विशेष रूप से कंप्यूटर का उपयोग से धोखाधड़ी को कवर करती है. इसके तहत ऐसे स्कैम के लिए 3 साल तक के कारावास और जुर्माना हो सकते हैं.
ऐसे साइबर स्कैम के पीड़ित लोग स्थानीय साइबर सेल में शिकायत दर्ज करा सकते हैं या राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं. इस प्रक्रिया में स्क्रीनशॉट, लेन-देन का ब्यौरा या अन्य प्रासंगिक जानकारी सहित घटना का विवरण देना शामिल है.
इस तरह के स्कैम से बचने का तरीका?
यदि आपको किसी की तरफ से शादी का कार्ड वॉट्सऐप पर मिलता है तो सबसे पहले भेजने वाले का नाम देखें. यदि यह किसी नंबर से है तो इसे इग्नोर करें और नंबर को ब्लॉक कर दें. यदि नाम कोई जाना-पहचाना लगे तो अपनी फोनबुक में जाकर उस इंसान को फोन लगाएं, और सच पता करें कि क्या उनके यहां किसी की शादी है या नहीं. इसके अलावा, कई बार आपको कोई लिंक भी मिला हो सकता है. तो ध्यान रहे कि न तो आपको किसी लिंक पर टैप करना है और न ही किसी अटैचमेंट को डाउनलोड करना है. मुख्य रूप से आपको ये तीन पॉइन्ट याद रखें-
1. APK फाइल से बचें. कतई डाउनलोड न करें.
2. कॉन्टेक्ट को वेरिफाई करें.
3. सिक्योरिटी सेटिंग्स दुरुस्त रखें. मतलब आप एक भरोसेमंद एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करके रखें, जो अनजानी और अनचाही फाइल्स को इंस्टॉल होने से रोके.
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FIRST PUBLISHED : December 1, 2024, 06:46 IST