चीन की एक कंपनी ने युवक से 104 दिन लगातार काम कराया. इस दौरान सिर्फ एक दिन की छुट्टी दी, जिससे बीमार पड़ गया. लेबर लॉ के मुताबिक, सप्ताह में सिर्फ 44 घंटे काम करा सकते हैं.
नई दिल्ली. ‘कर्म ही पूजा है’, लगता है चीन की एक कंपनी ने इस बात को कुछ ज्यादा ही सीरियस ले लिया. उसने अपने कर्मचारी से लगातार 104 दिन तक काम कराया और इस बीच सिर्फ एक दिन की छुट्टी दी. आराम नहीं करने की वजह से महज 30 साल का युवक बीमार पड़ गया और उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. परिवार वालों ने शिकायत की तो कंपनी ने खुद गलती मानने से भी इनकार कर दिया. आखिरकार अदालत से परिवार को न्याय मिला और कंपनी को मोटा हर्जाना चुकाना पड़ा.
यह मामला झेझियांग राज्य के जुशान शहर का है, जहां 30 साल के अबाओ ने एक प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया. अबाओ पेशे से पेंटर था और इस साल जनवरी में उसने काम करने के लिए हामी भरी. अबाओ का काम फरवरी से मई तक चला और उसने सिर्फ एक बार 6 अप्रैल को छुट्टी ली. लगातार काम करने की वजह से 25 मई को उसकी तबियत खराब हुई तो उसके साथी कर्मचारी ने अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने बताया कि उसे लंग इंफेक्शन हुआ है और उसका रेस्पाइरेटरी सिस्टम फेल हो गया है. अगले कुछ दिनों में ही उसकी मौत भी हो गई.
कंपनी ने नहीं मानी गलती
परिवार वालों ने न्याय के लिए अदालत में गुहार लगाई और कंपनी पर लापरवाही का मामला दर्ज कराया. दुख की बात ये रही कि सोशल सिक्योरिटी ऑफिसर ने अबाओ की मौत को काम से जुड़ा नहीं बताया और कहा कि उसे दूसरी तरह की बीमारियों की वजह से जान गंवानी पड़ी है. कंपनी ने भी मामले में अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया.
क्या बोली कंपनी
अदालत में कंपनी ने कहा कि युवक को दिया गया वर्कलोड बहुत ज्यादा नहीं था और अतिरिक्त काम करने की बात पूरी तरह कर्मचारी की इच्छा पर निर्भर करती है. युवक से उसकी हेल्थ के बारे में पूछा भी गया था, तब उसने किसी तरह की मेडिकल हेल्प लेने से इनकार कर दिया था. लिहाजा इस पूरे मामले में कंपनी की ओर से कोई गलती नहीं की गई है.
अदालत ने मानी 20 फीसदी गलती
अदालत ने इस मामले में कंपनी की 20 फीसदी गलती मानी और उसे पीडि़त परिवार को हर्जाना भरने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि लगातार लंबे समय तक काम कराना चीन के लेबर कानून का सीधा उल्लंघन है. इस कानून के तहत प्रतिदिन 8 घंटे और सप्ताह में 44 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जा सकता है. इस फैसले के साथ ही अदालत ने कंपनी को 4 लाख युआन (करीब 47.19 लाख रुपये) का हर्जाना चुकाने का भी आदेश दिया. इसके अलावा 10 हजार युआन परिवार की मानसिक प्रताड़ना करने पर भी चुकाने का आदेश दिया.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 11:44 IST