ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत को नहीं पड़ेगा खास फर्क, चीन को लगेगा ‘जोर का झटका’

नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) व्हाइट हाउस में वापसी की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, उनके पूर्व यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रॉबर्ट लाइटहाइजर भी अपनी भूमिका फिर से निभाने के लिए तैयार हैं. दोनों ने चीनी आयात पर 60 फीसदी की भारी टैरिफ लगाने की बात कही है, जिससे ग्लोबल ट्रेड में उथल-पुथल मच सकती है. हालांकि, दिग्गज ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए (CLSA) के चीफ इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट अलेक्जेंडर रेडमैन के मुताबिक, भारत इस स्थिति में सबसे सुरक्षित बाजार के रूप में उभर रहा है.

हाल ही में एक नोट में रेडमैन ने बताया कि एशिया-पैसिफिक और इमर्जिंग मार्केट्स में, ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ, ज्यादा ब्याज दरों और संभावित फॉरेन डिसइनवेस्टमेंट का भारत पर सबसे कम असर पड़ेगा.

ट्रंप की टैरिफ नीति का भारत पर सबसे कम असर
रेडमैन ने कहा, “भारत को अमेरिका के साथ ट्रेड में अपेक्षाकृत कम निर्भरता, मैनेजबल लीवरेज और खासकर विदेशी इक्विटी ओनरशिप के कम और घटते स्तर से फायदा मिलता है. सीएलएसए के डेटा में भी भारत को सबसे कम प्रभावित दिखाया गया है. लिस्ट में सबसे ऊपर मेक्सिको है, जहां 27.3 फीसदी जीडीपी अमेरिकी निर्यात पर निर्भर है. इसके बाद चीन है, जिसकी 3 फीसदी जीडीपी अमेरिकी निर्यात पर निर्भर है.

चीन का इनडायरेक्ट ट्रेड रूट्स पर निर्भरता ज्यादा
हालांकि चीन की अमेरिका के साथ डायरेक्ट ट्रेड निर्भरता मामूली दिखती है, लेकिन इसका इनडायरेक्ट ट्रेड रूट्स पर निर्भरता काफी ज्यादा है जैसे कि मेक्सिको या आसियान (ASEAN) देशों के जरिए वस्तुओं को रीरूटिंग करना, जिसे ‘सिंगापुर वॉशिंग’ कहा जाता है. यह निर्भरता इसे अमेरिकी टैरिफ के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाती है. बता दें कि ‘सिंगापुर वॉशिंग’ एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग उन चीनी कंपनियों के लिए किया जाता है जो जियोपॉलिटल रिस्क या चीनी कंपनियों पर बढ़ी हुई निगरानी से बचने के लिए अपने हेडक्वार्टर को सिंगापुर में शिफ्ट करती हैं.

चीन ने मैन्युफैक्चरिंग निर्यात को बढ़ावा देना शुरू किया
इसके अलावा, चीन के पॉलिसीमेकर्स ने मैन्युफैक्चरिंग निर्यात को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है, जो राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नई क्वांटिटी प्रोडक्टिव फोर्स पहल के साथ मेल खाता है, ताकि रियल एस्टेट निवेश और हाउसहोल्ड खपत से घटते योगदान की भरपाई की जा सके.

चीन पर ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी का होगा बड़ा असर
नेट एक्सपोर्ट चीन की जीडीपी ग्रोथ में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया है. निर्यात पर इस भारी निर्भरता के कारण चीन पर ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी का असर होगा. साथ ही, दूसरे ग्लोबल प्लेयर्स जैसे यूरोपीय यूनियन (EU) और कई इमर्जिंग मार्केट्स ने भी चीनी गुड्स पर टैरिफ लगाए हैं. डंपिंग को लेकर चिंताओं का हवाला देते हुए ये टैरिफ खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और स्टील जैसे सेक्टर्स पर लगाए गए हैं.

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