डोनल्ड ट्रंप टैरिफ पर कई बार कर चुके हैं भारत की आलोचना. राष्ट्रपति बनने पर ट्रंप ने आयात शुल्क लगाने का किया है वादा. आयात शुल्क को लेकर कमला हैरिस के सुर हैं नरम.
नई दिल्ली. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर को होंगे. रिब्लिकन उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक कमला हैरिस आमने-सामने हैं. डोनल्ड ट्रंप आक्रामक चुनाव प्रचार कर रहे हैं और जनता को खुलकर बता रहे हैं कि सत्ता में आने वे क्या करेंगे और दूसरे देशों के साथ उनका व्यवहार कैसे होगा. आयात शुल्क को लेकर लंबे समय से डोनल्ड ट्रंप के निशाने पर भारत रहा है. वो भारत को ‘टैरिफ किंग’ का तगमा भी दे चुके हैं. अब एक बार फिर उन्होंने टैरिफ को लेकर भारत, चीन और ब्राजील पर हमला बोला है. भारत को उन्होंने सबसे ज्यादा आयात शुल्क लेने वाला देश बताया है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने का कि वे जब सत्ता में आएंगे तो इसका जवाब देंगे. यानी वे भारत से अमेरिका जाने वाली वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाने की बात कह रहे हैं. हालांकि, डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस का रुख आयात शुल्क को लेकर नरम है.
आर्थिक मामलों में कमला हैरिस का दृष्टिकोण डोनल्ड ट्रंप से अलग है. हालांकि, आयात शुल्क के मामले में खुलकर हैरिस ने अभी कुछ नहीं कहा है. साल 2020 में उन्होंने कहा था, “हमें अपना सामान बेचना है. और इसका मतलब है कि हमें इसे विदेशों में लोगों को बेचना है. हमें ऐसी व्यापार नीतियों की ज़रूरत है जो ऐसा होने दें.” हैरिस के इस बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आयात शुल्क पर हैरिस कम से कम डोनल्ड ट्रंप जैसा सख्त रुख तो नहीं अपनाएगी, जो भारत के लिए अच्छा ही होगा. आमतौर दुनिया भर में आयात शुल्क का इस्तेमाल अपने घरेलू उद्योगों की रक्षा करने के लिए किया जाता है.
डोनल्ड ट्रंप ने फिर दोहराई आयात शुल्क की बात
डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (11 अक्टूबर, 2024) को प्रमुख आर्थिक नीति पर भाषण देते हुए राष्ट्रपति बनने पर पारस्परिक कर लगाने का संकल्प लिया. ज्यादा टैरिफ लगाने वालों में चीन और ब्राजील का नाम लेते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि शायद अमेरिका ही है जो आमतौर पर शुल्क नहीं लगाता है. हम वास्तव में शुल्क नहीं लगाते हैं. चीन 200 फीसदी शुल्क लगाएगा. ब्राजील बड़ा शुल्क वसूलता है. हालांकि इनमें से सबसे अधिक शुल्क भारत लेता है.
उन्होंने कहा, “भारत बहुत अधिक शुल्क लेता है. भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं. मेरे भी हैं. खास तौर पर नेता (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी के साथ. उन्होंने बहुत बढ़िया काम किया है, लेकिन वे शायद काफी शुल्क लेते हैं.” डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को फिर से असाधारण रूप से समृद्ध बनाने की उनकी योजना का सबसे महत्वपूर्ण तत्व पारस्परिकता है.
ट्रंप ने कहा, “यह एक ऐसा शब्द है जो मेरी योजना में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम आम तौर पर शुल्क नहीं लगाते हैं. मैंने वह प्रक्रिया शुरू की थी वैन और छोटे ट्रक आदि के साथ… वह बहुत बढ़िया थी.” दरअसल, जहां ट्रंप एक और उन देशों के सामानों पर आयात शुल्क लगाने की बात कह रहे थे जो, अमेरिकी सामानों पर काफी शुल्क वसूलते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में चीन निर्मित सामानों पर बढाए गए आयात शुल्क और उसके परिणामों की याद भी अमेरिकियों को दिला रहे थे.
क्या भारत में टैरिफ अन्य देशों की तुलना में अधिक है?
भारत में वास्तव में विश्व स्तर पर सबसे अधिक टैरिफ व्यवस्था है. वर्तमान में, भारत की औसत टैरिफ दर लगभग 17% है, जो जापान, अमेरिका और यूरोपीय संघ की तुलना में काफी अधिक है. इन सभी की दरें 3% से 5% के बीच हैं. हालांकि, उभरती अर्थव्यवस्थाओं से तुलना करें तो भारत के टैरिफ उतने ऊंचे नहीं हैं. उदाहरण के लिए, ब्राजील की औसत टैरिफ दर करीब 13% है और दक्षिण कोरिया की 13.4% है.
ट्रंप राष्ट्रपति बने तो क्या होगा असर
ट्रंप के संरक्षणवादी दृष्टिकोण के कारण, भारत को अपने निर्यात और आयात नीतियों को फिर से देखने की आवश्यकता हो सकती है. इससे भारतीय उद्योगों पर दबाव बढ़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो अमेरिका पर निर्भर हैं. ट्रंप और मोदी के बीच अच्छे संबंध होने के बावजूद, ट्रंप की व्यापार नीतियों से भारत की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है.
Tags: America News, Donald Trump, Kamala Harris, US Presidential Election 2024
FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 13:34 IST