नई दिल्ली. बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अस्थिरता के चलते भारत से निर्यात में कमी देखी जा रही है. खासतौर पर रत्न-आभूषण, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, इंजीनियरिंग उत्पाद, और ऑयलमील्स जैसे सामानों का व्यापार प्रभावित हुआ है. डॉलर की कमी की वजह से बांग्लादेशी बैंकों को स्थानीय मुद्रा टका को डॉलर में बदलने में मुश्किल हो रही है, जिससे भारतीय निर्यातकों को भुगतान में देरी हो रही है. वित्तीय वर्ष 2025 के शुरुआती सात महीनों में भारत से बांग्लादेश को इंजीनियरिंग निर्यात में 8% की गिरावट आई है, जबकि रत्न और आभूषण निर्यात में 11.1% की कमी दर्ज की गई.
विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक अस्थिरता और डॉलर की कमी के कारण व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ा है. आर्टिफिशियल ज्वेलरी के निर्यात में 35% गिरावट आई है, जो पहले बांग्लादेश के लिए एक प्रमुख उत्पाद था. हालांकि, कपास और कपास यार्न का निर्यात अब भी स्थिर है, क्योंकि बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्री इस पर निर्भर है. उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति सुधारने के लिए भारत और बांग्लादेश को मिलकर प्रयास करना होगा.
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मुख्य मुद्दे
डॉलर की कमी के कारण भारतीय निर्यातकों को भुगतान में देरी हो रही है, क्योंकि बांग्लादेशी बैंक टका को डॉलर में बदलने में संघर्ष कर रहे हैं. इसके अलावा निजी ऑर्डर्स कम हो गए हैं, और भारतीय बैंक बांग्लादेशी बैंकों के लेटर ऑफ क्रेडिट स्वीकार नहीं कर रहे.
आंकड़ों की स्थिति
वित्त वर्ष 2025 के शुरुआती सात महीनों में इंजीनियरिंग निर्यात 8% घटकर $1195.6 मिलियन रह गया.
रत्न और आभूषण निर्यात में 11.1% की गिरावट दर्ज हुई. आर्टिफिशियल ज्वेलरी का निर्यात 35% कम हो गया. ऑयलमील्स के निर्यात में भी भारी गिरावट आई.
कुछ क्षेत्रों में स्थिरता
कच्चे कपास और कपास यार्न का निर्यात अब भी अपेक्षाकृत स्थिर है, क्योंकि बांग्लादेश का परिधान उद्योग इस पर निर्भर करता है.
विशेषज्ञों की राय
इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद के प्रमुख पंकज चड्ढा और अन्य उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान संकट जल्द सुलझने की संभावना नहीं है. सरकार और उद्योग को मिलकर वैकल्पिक समाधान तलाशने की जरूरत है.
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FIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 22:52 IST