जनधन योजना के तहत अब तक 53 करोड़ खाते खोले गए. इन खातों में 2.30 लाख करोड़ से भी ज्यादा रकम जमा है. योजना को शुरू हुए 10 साल का समय बीत चुका है.
नई दिल्ली. आपको जानकर हैरानी होगी कि जिन खातों को जीरो बैलेंस पर खोला गया है, आज उनमें 2.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की राशि जमा है. यह खुलासा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है. वित्तमंत्री ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेश पहल है, जो गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में लाती है और हाशिए पर मौजूद समुदायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इस योजना को शुरू किए आज 10 साल पूरे हो गए हैं.
इस मौके पर सीतारमण ने कहा, ‘औपचारिक बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक तथा किफायती पहुंच वित्तीय समावेश और सशक्तिकरण हासिल करने के लिए आवश्यक है. बैंक खाते, लघु बचत योजनाएं, बीमा तथा पहले बैंकिंग सुविधा से वंचित रहे लोगों को ऋण सहित सार्वभौमिक, सस्ती व औपचारिक वित्तीय सेवाएं प्रदान कर प्रधानमंत्री जन धन योजना ने पिछले एक दशक में देश के बैंकिंग तथा वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है.’
53 करोड़ लोगों को फायदा
सीतारमण ने कहा कि इस पहल की सफलता इसी बात से साबित होती है कि जन धन खातों के जरिये 53 करोड़ लोग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल हुए हैं. इन बैंक खातों में 2.3 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा हुई है. इसके परिणामस्वरूप 36 करोड़ से अधिक निःशुल्क रूपे कार्ड जारी किए गए हैं, जिन पर दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा ‘कवर’ भी मिलता है. खास बात यह है कि इसमें खाता खोलने का कोई शुल्क या रखरखाव शुल्क नहीं है और न्यूनतम शेष राशि रखने की भी कोई आवश्यकता नहीं है.
शहरों से ज्यादा गांव में खाते
जन धन योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की थी. उसी वर्ष 28 अगस्त को इस योजना को शुरू किया गया था. वित्त मंत्री ने कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं और 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं. जनधन-मोबाइल-आधार को जोड़ने के जरिये बनाई गई सहमति-आधारित ‘पाइपलाइन’ वित्तीय समावेश परिदृश्य के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक रही है. इसने पात्र लाभार्थियों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का त्वरित, निर्बाध तथा पारदर्शी लाभ दिलाना संभव बनाया है.
अब तक कितना पैसा जमा
इस योजना के तहत बैंक खातों की संख्या मार्च 2015 में 14.72 करोड़ से करीब चार गुना बढ़कर 14 अगस्त 2024 तक 53.13 करोड़ हो गई. पीएमजेडीवाई के तहत कुल जमा राशि मार्च 2015 तक 15,670 करोड़ रुपये से बढ़कर अगस्त 2024 तक 2.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. महिला विश्व बैंकिंग की क्षेत्रीय प्रमुख (दक्षिण एशिया) कल्पना अजयन ने कहा कि पिछले एक दशक में पीएमजेडीवाई ने बैंकिंग सुविधा से वंचित लाखों लोगों, खासकर महिलाओं को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
जनधन खाते की 5 बड़ी सुविधाएं
- इस तरह के खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है.
- हर खाताधारक को 10 हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलती है.
- खाते से जुड़े रूपे कार्ड पर 2 लाख का दुर्घटना बीमा मिलता है.
- इस खाते में सभी डीबीटी सुविधाओं की राशि आती है.
- इस खाते में जमा पैसों पर बैंक की ओर से ब्याज भी मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 12:39 IST