नई दिल्ली. देश की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट हर दिन लाखों के प्रोडक्ट्स बेचती है, त्योहारी सीजन के दौरान तो बिक्री का आंकड़ा करोड़ों में पहुंच जाता है इतनी सेल होने के बाद भी यह कंपनी घाटे में रहती है. एक बार फिर फ्लिपकार्ट घाटे में रही हालांकि कंपनी का नेट लॉस बीते वित्त वर्ष 2023-24 में कम होकर 4,248.3 करोड़ रुपये रह गया है. टॉफलर द्वारा शेयर की गई एक रेगुलेटरी रिपोर्ट से यह पता चला है. कंपनी को मुख्य रूप से आमदनी बढ़ने से कंपनी का घाटा कम हुआ है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 4,897 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा दर्ज किया था. वित्त वर्ष 2023-24 में ‘स्टॉक इन ट्रेड’ की खरीद पर कंपनी का खर्च लगभग 24 प्रतिशत बढ़कर 74,271.2 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 59,816.6 करोड़ रुपये था.
5 साल में सबसे कम घाटा
फ्लिपकार्ट का इक्विटी पर रिटर्न पिछले पांच साल के सबसे निचले स्तर पर घटकर नकारात्मक 49.6 प्रतिशत हो गया. कंपनी के लिए नियोजित पूंजी पर रिटर्न भी पिछले पांच वित्तीय वर्षों में सबसे कम यानी नकारात्मक 54.09 प्रतिशत रहा.
वॉलमार्ट समूह की कंपनी का एकीकृत राजस्व 2022-23 के 55,823.9 करोड़ रुपये से 2023-24 में लगभग 26 प्रतिशत बढ़कर 70,541.90 करोड़ रुपये हो गया. फ्लिपकार्ट को भेजे ईमेल का तत्काल कोई जवाब नहीं मिला था.
कंपनी कैसे देती तगड़ा डिस्काउंट
फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को लेकर खुदरा व्यापारियों में काफी गुस्सा है. व्यापारी संगठनों ने बताया कि आखिर कैसे ये कंपनियां प्रोडक्ट्स पर डिस्काउंट देती हैं. व्यापारियों का आरोप है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन, अवास्तविक मूल्य निर्धारण के चलते, बंपर डिस्काउंट दे रहे हैं और इससे होने वाले घाटे को लेकर उन्हें वित्तीय मदद मिल रही है, वे जो भी निवेश ला रहे हैं, उसका इस्तेमाल नकदी खर्च करने और भारत में अपने ऑपरेशन के दौरान होने वाले घाटे को पूरा करने के लिए किया जा रहा है.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 08:01 IST