₹10,50,000 तक की सैलरी पर नहीं लगेगा टैक्स? मिडिल क्लास को राहत देने की तैयारी

नई दिल्ली. मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को सरकार की ओर से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार इस बार के बजट में 10.5 लाख रुपये तक के सालाना वेतन पर टैक्स देनदारी को घटा सकती है. 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले आगामी बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है.

इस प्रस्ताव का उद्देश्य धीमी अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के बीच खपत को बढ़ावा देना है. वर्तमान में ₹3 लाख से ₹10.5 लाख तक की आय पर 5% से 20% तक कर लगाया जाता है, जबकि ₹10.5 लाख से अधिक की आय पर 30% की दर लागू होती है.

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2 रिजीम में से चुनाव का विकल्प
ओल्ड रिजीम: जिसमें हाउस रेंट और बीमा जैसी छूट शामिल हैं.
न्यू रिजीम (2020): जो कम टैक्स दरों के साथ आता है लेकिन अधिकांश छूट हटा दी जाती हैं.
प्रस्तावित कटौती के जरिए सरकार अधिक लोगों को 2020 के स्ट्रक्चर को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहती है.

आर्थिक और राजनीतिक संदर्भ
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि जुलाई-सितंबर 2024 में सात तिमाहियों में सबसे कमजोर रही है. वहीं, खाद्य मुद्रास्फीति से शहरी परिवारों की आय पर दबाव बढ़ा है, जिससे वाहनों, घरेलू सामानों और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों की मांग प्रभावित हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रस्ताव लागू किया गया, तो उपभोक्ताओं के हाथ में अधिक डिस्पोजेबल इनकम आएगी, जिससे भारत की आर्थिक गतिविधियां तेज हो सकती हैं.

सरकार की स्थिति
सूत्रों के अनुसार, टैक्स कटौती के आकार और अन्य विवरणों को अंतिम रूप देने का निर्णय बजट की तारीख के करीब लिया जाएगा. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव या इसकी वजह से रेवेन्यू पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार को रेवेन्यू का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई अधिक लोगों के नई रिजीम के साथ जुड़ने के साथ हो जाएगी.

लाभ की उम्मीदें
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो लाखों करदाताओं को राहत मिलेगी. इस कदम से आर्थिक गतिविधियों को गति मिलने के साथ-साथ सरकार का सरलीकृत कर ढांचा अपनाने का उद्देश्य भी पूरा होगा.

Tags: Business news, Income tax

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