हल्दीराम का ‘भुजिया’ चखने को मरी जा रहीं बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियां, कितनी वैल्यूएशन, कौन-कौन रेस में?

नई दिल्‍ली. सुबह के नाश्‍ते, दोपहर की चाय और शाम के स्‍नैक्‍स में हल्‍दीराम (Haldiram) के प्रोडक्‍ट हों तो स्‍वाद वैसे ही बढ़ जाता है. देश में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने हल्‍दीराम के प्रोडक्‍ट का स्‍वाद न चखा हो. हालांकि, देसी स्‍वाद देने वाली यह 87 साल पुरानी कंपनी अब परदेसी हो जाएगी. दरअसल, दुनिया भर के निवेशकों में हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करने की होड़ मची हुई है.

पहले खबर आई थी कि हल्दीराम के प्रमोटर 51 फीसदी कंट्रोलिंग स्टेक बेचने की योजना बना रहे हैं, लेकिन अब एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वे 10-15 फीसदी माइनॉरिटी स्टेक बेचने की सोच रहे हैं. प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल, ब्लैकस्टोन और टेमासेक होल्डिंग्स ने हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. इस महीने की शुरुआत में, ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया कि टेमासेक होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, हल्दीराम में माइनॉरिटी स्टेक खरीदने के लिए बातचीत कर रहा था. इस डील से भारत के सबसे बड़े स्नैक मेकर्स का वैल्यीएशन लगभग 11 अरब डॉलर आंका गया था.

बैन और टेमासेक ने लगाई थी 8-8.5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन
ईटी ने कुछ महीने पहले रिपोर्ट किया था कि बेन कैपिटल, ब्लैकस्टोन और टेमासेक होल्डिंग्स ने हल्दीराम कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी. बैन और टेमासेक ने मई में एक नॉन-बाइडिंग ऑफर पेश किया था, जिसमें हल्दीराम का वैल्यूएशन 8-8.5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन (66,400-70,500 करोड़ रुपये) लगाई गई थी. इससे पहले दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट इक्विटी फंड ब्लैकस्टोन ने अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड GIC के साथ मिलकर कंपनी के 76% हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए बोली लगाई थी.

हल्‍दीराम का कितना बड़ा कारोबार
बता दें कि हल्‍दीराम करीब 500 तरह के पैकेज्‍ड प्रोडक्‍ट बनाती है और 100 देशों में निर्यात करती है. बीते फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में कंपनी का कुल कारोबार 14,500 करोड़ रुपये का हुआ था. साल 1937 में पहली बार बीकानेर के रहने वाले गंगा बिशन अग्रवाल ने हल्‍दीराम की नींव रखी थी.

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