क्या बंद होंगे फ्लिपकार्ट-अमेजन? जानिए क्यों जारी हुआ ‘व्हाइट पेपर’

हाइलाइट्स

CCI से फ्लिपकार्ट और अमेजन का ऑपरेशन तुरंत निलंबित करने की मांगई-कॉमर्स कंपनियां उत्पादों पर भारी छूट देने के लिए नकदी खर्च कर रही हैं इससे सरकारी खजाने को नुकसान और ग्रे मार्केट बनने का डर है

नई दिल्ली. त्योहारी सीजन में ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर ताबड़तोड़ डिस्काउंट मिल रहा है. इससे ग्राहकों को तो फायदा है लेकिन सरकार को नुकसान और ग्रे मार्केट बनने का डर है. व्यापारियों के संगठन ‘कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (CAIT) और खुदरा मोबाइल विक्रेताओं के संगठन ने मंगलवार को कहा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को ई-कॉमर्स कंपनियों फ्लिपकार्ट और अमेजन का ऑपरेशन तुरंत निलंबित कर देना चाहिए.

इस संगठनों ने आरोप लगाया कि ई-कॉमर्स कंपनियां अवास्तविक मूल्य निर्धारण में शामिल हैं और उत्पादों पर भारी छूट देने के लिए नकदी खर्च कर रही हैं. कैट और एआईएमआरए ने कहा कि इस व्यवहार के कारण मोबाइल फोन का एक अनधिकृत बाजार या ग्रे मार्केट बन रहा है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के बाजार में कारोबारी टैक्स की चोरी करते हैं.

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व्यापारी संगठनों ने जारी किया ‘व्हाइट पेपर’

ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) के सहयोग से कैट ने भारत के रिटेल इकोसिस्टम पर ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन और फ्लिपकार्ट के प्रभाव पर एक श्वेत पत्र जारी किया है. एआईएमआरए ने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने के लिए चीनी मोबाइल फोन विनिर्माताओं वनप्लस, आईक्यूओओ और पोको के ऑपरेशन को निलंबित करने की मांग की है.

इस श्वेत पत्र में आरोप लगाया गया है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति और अन्य विनियामक ढांचों का उल्लंघन किया है. भाजपा सांसद और कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘‘वे (फ्लिपकार्ट और अमेजन) अवास्तविक मूल्य निर्धारण, भारी छूट, घाटे के वित्तपोषण आदि में गहराई से शामिल हैं. वे जो भी निवेश ला रहे हैं, उसका इस्तेमाल नकदी लुटाने और भारत में अपने परिचालन के दौरान होने वाले घाटे को पूरा करने के लिए किया जा रहा है.”

इस बारे में संपर्क करने पर वनप्लस ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि फ्लिपकार्ट, अमेजन, पोको और आईक्यूओओ ने तत्काल कोई जवाब नहीं दिया. एआईएमआरए के संस्थापक और चेयरमैन कैलाश लख्यानी ने आरोप लगाया कि कुछ ब्रांड और बैंक भारी छूट के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ सांठगाठ कर रहे हैं. बता दें कि काफी समय से खुदरा व्यापारी फ्लिपकार्ट और अमेजन की कारोबारी गतिविधियों का विरोध कर रहे हैं.

(भाषा से इनपुट के साथ)

Tags: Amazon pay, Big billion sale, Business news, Flipkart deal

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