नई दिल्ली. कई लोगों को पुराने नोट कलेक्ट करने का शौक होता है. अगर आप भी उन लोगों में से हैं तो आप 7 लाख रुपये कमा सकते हैं. पुराने नोटों या सिक्कों को कई लोगों ऊंचे दाम देकर खरीदते हैं. ऐसे लोगों कुछ दुर्लभ नोटों के लिए बड़ी से बड़ी कीमत देने को भी तैयार हो जाते हैं. इन नोटों या सिक्कों की नीलामी ऑनलाइन भी की जाती है.
आज हम जिस नोट की बात कर रहे हैं वह ब्रिटिश काल का करेंसी नोट है. इसके ऊपर तत्कालीन गवर्नर जे डब्ल्यू के हस्ताक्षर हैं. 1935 में जारी यह नोट करीब 90 साल पुराना हो चुका है. इस नोट को आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Coin Bazaar और Quikr पर बेच सकते हैं. यह नोट इतना दुर्लभ और ऐतिहासिक है कि इसका दाम 7 लाख रुपये तक लग सकता है. हालांकि, यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि आरबीआई आधाकारिक तौर पर पुराने नोटों और सिक्कों की खरीद-फरोख्त की अनुमति नहीं देता है.
1 रुपये का नोट ऐतिहासिक क्यों?
दरअसल, 1 रुपये के नोट के इतने ऊंचे दाम पर बिकने का एक बड़ा कारण ये है कि इन नोट की छपाई करीब 29 साल पहले बंद कर दी गई थी. तो वे नोट खुद ही दुर्लभ हो गए. 2015 के बाद एक बार फिर इनकी छपाई शुरू की गई. लेकिन आज भी आजादी से पहले के कुछ नोटों को ऊंचे दाम पर खरीदा जाता है. इनकी मांग विशेष रूप से करेंसी कलेक्टर्स के बीच ही होती है.
1 रुपये के नोट के बारे में
1 रुपये का नोट भारतीय करेंसी सिस्टम में 1917 में शामिल हुआ था. उस नोट पर भारत के तब से सम्राट जॉर्ज पंचम की तस्वीर थी. 1926 में इसकी छपाई बंद कर दी गई थी. इसके बाद 1940 में एक बार फिर इसे प्रिंट करना शुरू किया गया. 1994 में फिर इसकी छपाई बंद हुई 2015 में प्रिंटिंग फिर से चालू की गई. 1 रुपये के बैंक नोट पर भारत सरकार लिखा होता है न कि भारतीय रिजर्व बैंक. क्योंकि यह नोट 1917 में जारी हुआ था जबकि रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 में की गई थी.
FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 15:55 IST