नई दिल्ली. भारत के उद्योग जगत में रतन टाटा की लोकप्रियता और सम्मान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विरोधी कंपनी भी उन्हें पसंद करती हैं. रतन टाटा के करीबी और आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने इसकी मिसाल पेश की. इन्फोसिस ने गुरुवार को अपनी दूसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया. लेकिन, इस प्रोग्राम की शुरुआत दिवंगत रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि देने के बाद शुरू हुई. इस दौरान कंपनी ने अक्टूबर, 2001 में अपने विशाल परिसर में उनकी यात्रा की झलकियां और यादें साझा कीं. हैरान करने वाली बात है कि टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टीसीएस और इंफोसिस के बीच तगड़ा कॉम्पिटिशन है. टाटा ने उस समय इन्फोसिस के परिसर में लगभग पूरा दिन बिताया था और इस अवसर पर एक पेड़ भी लगाया था. पिछले कुछ वर्षों में यह पेड़ फल-फूल रहा है, जो ‘इन्फोसिस’ के लोगों को इस दिग्गज उद्योगपति के मूल्यों और उनकी समृद्ध विरासत की याद दिलाता है.
इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) सलिल पारेख ने वीडियो के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अपने भाषण में कहा, “रतन टाटा ने हमारे देश पर एक अमिट छाप छोड़ी है, और वास्तव में हम सभी के लिए बड़े सपने देखने और जमीन से जुड़े रहने का अवसर प्रदान किया है। हम सभी को उनकी कमी खलेगी.”
इस दौरान प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा की स्मृति में एक मिनट का मौन भी रखा गया. टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का नौ अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.
रतन टाटा के साथ दोस्ती का वो दिलचस्प किस्सा
रतन टाटा के निधन पर एनआर नारायण मूर्ति गहरा दुख जताया था. उन्होंने 30 साल से ज्यादा समय तक रही रतन टाटा के साथ उनकी दोस्ती से जुड़ी दिलचस्प बात बताईं. उन्होंने कहा , “2004 में इंफोसिस में जमशेदजी टाटा रूम का उद्घाटन करने के लिए रतन टाटा जी को आमंत्रित किया था. तब रतन टाटा ने मुझसे कहा था कि देखो, मुझे यह कुछ हद तक असामान्य लगता है क्योंकि टीसीएस आपकी प्रतिस्पर्धी कंपनी है. मैंने कहा, नहीं, रतन, जमशेदजी सभी भारतीय कंपनियों से आगे हैं.”
(भाषा से इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 12:52 IST