कितना चढ़ावा, कितने एकड़ जमीन, ‘रत्न भंडार’ में छिपा कौन-सा खजाना? जानिए

भुवनेश्वर. ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर दुनियाभर में श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है. देश और दुनिया से हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. पुरी में भगवान जगन्नाथ की प्रसाद की बड़ी महिमा है और लाखों भक्त इसकी कीमत चुकाकर इसे ग्रहण करते हैं. लेकिन, अब पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर में ‘महाप्रसाद’ श्रद्धालुओं को मुफ्त में बांटने की योजना है. ओडिशा सरकार में कानून मंत्री ने इस यह बात कही है. जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद को मुफ्त में बांटने की योजना से राज्य सरकार पर सालाना 14 से 15 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. हालांकि, मंदिर के चढ़ावे और संपत्ति की तुलना में यह रकम बहुत मामूली है. क्या आप जानते हैं भगवान जगन्नाथ मंदिर के नाम कितनी संपत्ति है और यहां हर साल कितना चढ़ावा आता है.

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मंदिर ट्रस्ट के पास कितना पैसा और सोना-चांदी

पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर के नाम 30,000 एकड़ जमीन है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मंदिर के पास कुल 150 करोड़ रुपये की संपत्ति है. हालांकि, इसे लेकर ज्यादा स्पष्टता नहीं है. टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भगवान जगन्नाथ मंदिर के बैंकों में करीब 600 करोड़ रुपये जमा हैं.

इसके अलावा, मंदिर में स्थित रत्न भंडार में कितनी मात्रा में सोना और चांदी है इसकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, साल 1978 में स्थापित किए गए रत्न भंडार में उस समय 128 किलोग्राम गोल्ड और 221 किलोग्राम चांदी के सामान रखे गए थे.

वहीं, मंदिर में हर साल भक्तों की ओर से चढ़ाए गए सोने को आभूषण को सरकारी बैंकों में जमा किया जाता है. पुरी में भगवान जगन्नाथ के नाम 30,000 एकड़ जमीन है. इसके अलावा, पूरे ओडिशा में मंदिर ट्रस्ट के पास 60,426 एकड़ लैंड है, साथ ही पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, एमपी, आंध्रा प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार में भी भगवान जगन्नाथ मंदिर के पास 395 एकड़ जमीन है. हालांकि, इन भूमि की कीमत कितनी है इसका अब तक कोई मूल्यांकन नहीं किया गया है.

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