नई दिल्ली. जब भी जीवन बीमा खरीदने की बात आती है तो लाइफ इंश्योरेंस काॅर्पोरेशन (LIC) का नाम जरूर आता है. एलआईसी की टैगलाइन “जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी” – लोगों को भावनात्मक रूप से अपने साथ जोड़ती है. आज एलआईसी को 68 साल पूरे हो गए हैं. LIC की स्थापना आज ही के दिन यानी 1 सितंबर 1956 को हुई थी. आज के समय में यह देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है जिसका मार्केट कैप 6.5 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है.
LIC की स्थापना ऐसे समय हुई थी जब देश में इंश्योरेंस सेक्टर काफी कठिन समय से गुजर रहा था. एलआईसी के आने के बाद इस सेक्टर में कई बदलाव हुए और लोग पर्सनल और हेल्थ इंश्योरेंस जैसी चीजों के प्रति जागरूक भी हुए. तो आज LIC की 68वीं सालगिरह के मौके पर जानते हैं कैसा रहा इंश्योरेंस सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी का सफर.
पहले भारतीयों को नहीं मिलती थी इंश्योरेंस
बता दें कि इंश्योरेंस का कॉन्सेप्ट साल 1818 में अंग्रेजों के दौर में इंग्लैंड से पहली बार भारत आया था. इसके पहले भारती के लोग इंश्योरेंस के बारे में नहीं जानते थे. शुरुआत में केवल भारत में रहने वाले अंग्रेजों और यूरोपियाई लोगों को ही इंश्योरेंस का लाभ मिलता था. बहुत समय बाद कुछ प्रभावी लोगों के प्रयास से इसे भारतीयों के लिए भी शुरू किया गया. हालांकि, भारतीयों से लिया जाने वाला प्रीमियम अंग्रेजों के मुकाबले काफी अधिक था.
साल 1870 में इस समस्या को देखते हुए बॉम्बे म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस सोसाइटी ने एक भारतीय इंश्योरेंस कंपनी की स्थापना की. इसमें भारतीय नागरिकों को सामान्य दरों पर बीमा दिया जाने लगा. धीरे-धीरे बीमा की लोकप्रियता बढ़ी तो 1886 तक देश में कई भारतीय बीमा कंपनियां खड़ी हो गईं.
20वीं सदी में पकड़ी रफ्तार
बीसवीं सदी की शुरुआत में बीमा कारोबार में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली. कंपनियों की संख्या बढ़कर 44 हो गई और इनका व्यापार करीब 22.44 करोड़ रुपये का था. बाद में इन कंपनियों की संख्या बढ़कर 176 तक पहुंच गई. साथ ही साल 1938 तक इनका व्यापार बढ़कर 298 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
5 करोड़ की पूंजी से हुई शुरुआत
1947 में जब देश आजाद हुआ तो भारत सरकार ने बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करना शुरू कर दिया. 245 इंश्योरेंस कंपनियों को मिलाकर कर लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट (एलआईसी एक्ट) तैयार की गई. इसकी शुरुआत 5 करोड़ रुपये की पूंजी से की गई. इसका लक्ष्य देश शहरों और खासकर ग्रामीण इलाकों में सही दर पर इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध कराना था.
आज 6.73 लाख करोड़ का है मार्केट कैप
आज एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. इसकी बाजार हिस्सेदारी 60 फीसदी से भी ज्यादा है. एलआईसी की कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 50 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है. एलआईसी का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 6.73 लाख करोड़ रुपये का है.
शेयर बाजार में एंट्री
एलआईसी ने मई 2022 में IPO के जरिये भारतीय शेयर बाजार में एंट्री ली. इसके आईपीओ का साइज 21 हजार करोड़ रुपये का था. यह भारतीय शेयर बाजार इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था. अभी इसके शेयर की कीमत 1,061 रुपये है. लिस्टिंग के बाद से लेकर अब तक इसने निवेशकों को 28.43 फीसदी रिटर्न दिया है.
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FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 14:08 IST