रूस ने कब्जाए यूक्रेन के साथी देशों के 800 हवाई जहाज, कीमत अरबों डॉलर में, मारे-मारे फिर रहीं कंपनियां

दुनिया में एक अजीब-सा विवाद हो रहा है. रूस ने जब यूक्रेन पर आक्रमण किया तो लगभग सभी पश्चिमी देश उसके खिलाफ एकजुट हो गए. इन देशों ने रूस पर कई तरह के बैन लगा दिए. रूस भी कम नहीं है. बदले में उसने पश्चिमी देशों की कई एयरलाइन्स कंपनियों के उन विमानों पर कब्जा कर लिया, जो उस वक्त रूस में ही खड़े थे. अब लीज पर देने वाली कंपनियों ने अपने हवाई जहाजों को लेकर अरबों डॉलर के इंश्योरेंस के दावे कर दिए, मगर बीमा कंपनियां इन्हें टालती रहीं. क्योंकि रकम इतनी ज्यादा है कि इसे दे पाना किसी भी इंश्योरेंस कंपनी के लिए आसान नहीं है.

एयरप्लेन बनाने वाली कंपनियों के वकीलों ने लंदन में शुरू हुए एक मुकदमे में आरोप लगाया कि बीमा कंपनियां क्लेम को टालने की कोशिश कर रही हैं. दुनिया की टॉप विमान लीज़ पर देने वाली कंपनियों में से एक AerCap Holdings NV सहित कई कंपनियों ने AIG और Lloyd’s जैसी बीमा कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है.

पहले ज्यादा बीमे का दावा था, अब घटाया
रूस ने लगभग 800 विदेशी विमानों को अपने खुद के विमान रजिस्टर में ट्रांसफर कर दिया. उसने ऐसा तब किया, जब इन विमानों की लीज़ की अवधि समाप्त हो गई थी. AerCap ने शुरुआत में $3.4 बिलियन (लगभग ₹28,200 करोड़) का दावा किया था, जो बाद में समझौते के बाद घटकर $2 बिलियन (लगभग ₹16,600 करोड़) रह गया. बुधवार को अदालत में पेश किए गए दस्तावेज़ों से पता चला कि अन्य कंपनियों के दावे भी करोड़ों डॉलर (हजारों करोड़ रुपये) में हैं.

ये भी पढ़ें – बदलेगी रूस की न्यूक्लियर पॉलिसी! यूक्रेन पर परमाणु हमले की तैयारी! नाटो के दखल से तमतमाए व्लादिमीर पुतिन

बीमा कंपनियों ने इन दावों को अस्वीकार कर दिया है. उनका कहना है कि पॉलिसी में कुछ विशेष अपवाद और शर्तें लागू होती हैं, जिसके कारण यह कवरेज संभव नहीं है. AerCap के वकीलों ने अदालत में रखे दस्तावेज़ों में कहा कि “बीमा बाजार भुगतान के दिन को तब तक टाल रहा है, जब तक कोई सामूहिक समाधान नहीं निकाला जाता.” उनके अनुसार, “भले ही उन्हें यह एहसास हो गया है कि अंतिम दिन आ रहा है, उन्होंने अभी तक यह तय नहीं किया है कि उसका सामना कैसे करना है.”

बीमा कंपनियों ने दी थी ये दलील
बीमा कंपनियों ने पहले यह तर्क दिया था कि विमान खोए हुए नहीं हैं, क्योंकि रूसी एयरलाइंस अभी भी उनका उपयोग कर रही हैं. इसके अलावा, पॉलिसी में मौजूद विशेष शर्तें कवरेज को नकारती हैं. AerCap के 141 विमानों और 29 इंडिपेंडेंट विमान इंजनों में से 116 विमान और 15 इंजन अभी भी रूस में हैं, और उन्हें Aeroflot सहित 15 एयरलाइंस द्वारा उपयोग किया जा रहा है, जो रूस की सबसे बड़ी एयरलाइन है.

ये भी पढ़ें – रूस से आया हिमाचल, कर दिया ऐसा काम; निहारते रह जाते हैं लोग

AerCap के वकील मार्क हावर्ड ने अदालत में कहा, “वास्तविकता यह है कि विमान और इंजन खो चुके हैं, जो काफी समय से स्पष्ट है.” AerCap, Lloyd’s और AIG के प्रवक्ताओं ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. यह मुकदमा दिसंबर तक चलने की उम्मीद है और इसका फैसला आने में कुछ महीनों का समय लग सकता है.

फ्लैडगेट लॉ फर्म के साझेदार गारबैन शैंक्स ने कहा, “ये जटिल और कठिन संघर्ष वाले दावे हैं, जहां दांव बहुत ऊंचे हैं, और इनका लॉन्ग टर्म में प्रभाव भी बड़ा हो सकता है.” 2022 में, फिच रेटिंग्स ने रूस द्वारा कब्जाए गए विमानों की कुल इंश्योरेंस वैल्यू 13 बिलियन डॉलर (लगभग ₹1 लाख करोड़) आंकी थी.

Tags: Aviation News, Business news, Russia, Russia ukraine war, Vladimir Putin

Source link