ईरान-इजरायल संघर्ष से तेल की कीमत छूएगी आसमान? केंद्रीय मंत्री पुरी ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि भारत पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के संभावित विस्तार से कच्चे तेल आपूर्ति को लगने वाले किसी भी झटके से निपटने में सक्षम होगा. इजराइल पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें एक सप्ताह से भी कम समय में लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 79 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई हैं. ऐसा इजराइल की जवाबी कार्रवाई करने और उससे संघर्ष बढ़ने की आशंका के चलते हुआ है.

पुरी ने इस संदर्भ में कहा, ‘‘घबराने की कोई बात नहीं है. दुनिया में पर्याप्त से अधिक तेल की उपलब्धता है.’’ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश भारत कच्चे तेल की अपनी 85 प्रतिशत जरूरत को आयात से पूरा करता है. पेट्रोलियम मंत्री ने ‘एनर्जी ट्रांजिशन समिट इंडिया’ सम्मेलन में कहा, ‘‘हालात संभाले जा सकने लायक हैं. चिंता की कोई जरूरत नहीं है. हमें पूरा भरोसा है कि हम अतीत की तरह ही हालात से निपट पाएंगे.’’

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उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की आपूर्ति बहुत अधिक है और यदि कुछ देश उत्पादन रोक देते हैं या आपूर्ति संबंधी समस्याएं होती हैं, तो भी बाजार में नए आपूर्तिकर्ता हैं जो इस कमी को पूरा करेंगे. ईरान के मिसाइल हमले के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि इजराइल तेल उत्पादक ईरान के तेल या परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है. ऐसा होने पर ईरान इजराइल पर सीधा हमला या होर्मुज स्ट्रेट (सामुद्रिक गलियारा) को बंद करके जवाब देने का रास्ता अपना सकता है.

ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज स्ट्रेट तेल परिवहन के लिहाज से काफी अहम माना जाता है. वैश्विक तेल का पांचवां हिस्सा इस स्ट्रेट से होकर ही गुजरता है. सभी प्रमुख तेल उत्पादक देशों- सऊदी अरब, इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से कच्चा तेल होर्मुज स्ट्रेट के जरिये ही निर्यात किया जाता है. इनमें से सिर्फ सऊदी अरब और यूएई के पास ही ऐसी तेल पाइपलाइन हैं जो होर्मुज स्ट्रेट को पार कर सकती हैं.

Tags: Business news, Hardeep Singh Puri

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