आरबीआई ने म्यूल हंटर टूल किया लाॅन्च.एआई म्यूल हंटर टूल फाइनेंशियल फ्राॅड में लगाएगा लगाम.यह टूल फ्राॅड खातों की पहचान कर उनकी जानकारी निकालेगा.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के इनोवेशन हब (RBIH) ने वित्तीय धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. बैंक ने RBIH ने एआई-आधारित टूल Mulehunter.Ai को लाॅन्च किया है जो वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम लगाएगा. आरबीआई ने अपने एआई-आधारित म्यूल हंटर एआई टूल को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए अन्य बैंकों से बातचीत शुरू की है. सूत्रों के अनुसार, RBIH के सीईओ राजेश बंसल ने बताया कि इस टूल को पहले ही दो प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अपनाया जा चुका है और दस अन्य बैंकों के साथ चर्चा चल रही है.
रिजर्व बैंक के Mulehunter.Ai को फाइनेंशियल फ्राॅड को रोकने की दिशा में एक प्रभावी कदम बताया जा रहा है. यह फ्राॅड खातों की पहचान को तेज करने और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने में सहायता करेगा. आइए जानते हैं क्या है Mulehunter.Ai और यह कैसे काम करता है.
मूल एकाउंट्स की पहचान करेगा Mulehunter.Ai
यह प्लेटफॉर्म “म्यूल एकाउंट्स” (mule accounts) की पहचान और उनका पता लगाने में मदद करता है. म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल आमतौर पर मनी लांड्रिंग के लिए किया जाता है. परंपरागत रूप से इन बैंक अकाउंट्स की पहचान के लिए नियम-आधारित प्रणाली और मैन्युअल वैरिफिकेशन प्रक्रिया अपनाई जाती थीं, जो समय लेने वाली और कम भरोसेमंद होती थीं.
Mulehunter.Ai को विकसित करने के लिए बैंकों के साथ मिलकर 19 स्पेशल पैटर्न पर स्टडी की गई है. शुरुआती नतीजों से पता चला है कि यह टूल सटीकता और दक्षता दोनों में उल्लेखनीय सुधार करता है. इसके टेस्टिंग के परिणाम उत्साहजनक हैं. मैन्युअल सिस्टम की तुलना में यह तीन गुना अधिक सटीक है और समय की खपत को भी दस गुना कम कर देता है.
वित्तीय धोखाधड़ी की बढ़ती चुनौतियों का समाधान
RBIH का कहना है कि वित्तीय धोखाधड़ी के पैमाने और जटिलता में लगातार वृद्धि हो रही है, जहां लेन-देन में अक्सर बड़े पैमाने पर धनराशि शामिल होती है. धोखाधड़ी के लिए कई चैनल उपयोग किए जा रहे हैं और अब ये छोटी रकम तक सीमित नहीं है, बल्कि ये ₹1 करोड़ तक की हो सकती है.
बंसल ने यह भी कहा कि धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने का सबसे प्रभावी तरीका यह देखना है कि पैसा आखिरकार कहां जाता है.
एआई के संभावित जोखिमों पर आरबीआई गवर्नर की चेतावनी
हाल ही में अक्टूबर महीने में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय क्षेत्र में एआई के संभावित खतरों पर चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि “भले ही एआई वित्तीय क्षेत्र में क्रांति ला रहा है, लेकिन इस पर अत्यधिक निर्भरता वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा कर सकती है.”
Tags: Artificial Intelligence, Banking fraud, Business news, Reserve bank of india
FIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 11:34 IST