नई दिल्ली. चंडीगढ़ के बिलकुल साथ लगता है पंचकूला. हरियाणा के इस शहर में एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर रहते हैं. उन्हें वॉट्सऐप पर एक संदेश मिला, जिसमें उन्हें शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कुछ टिप्स दिए गए थे. संदेश में एक ऐप का लिंक भी था. उन्हें उस लिंक से एक ऐप डाउनलोड करने को कहा गया. लिखा था कि वहां से ऐप डाउनलोड करके शेयर बाजार से एक्सट्रा इनकम की जा सकती है. रिटायर्ड ब्रिगेडियर ने इस संदेश पर भरोसा कर लिया और ऐप को डाउनलोड कर लिया. इसके बाद उनके साथ जो हुआ, शायद वे जीवन में कभी नहीं भुला पाएंगे. वे तो क्या उनकी पीढ़ियां तक इसे याद रखेंगी.
दरअसल, वह वॉट्सऐप मैसेज एक ट्रैप था, जिसमें रिटायर्ड ब्रिगेडियर फंस चुके थे. एक बार ऐप डाउनलोड हो जाने के बाद साइबर ठगों ने रिटायर्ड ब्रिगेडियर को कथित शेयर बाजार में निवेश करने के लिए मना लिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में ब्रिगेडियर ने 1 करोड़ रुपये (लगभग 125,000 USD) से अधिक का निवेश किया. बाद में उनकी पत्नी भी निवेश में शामिल हो गईं, और दोनों ने मिलकर कुल 4.2 करोड़ रुपये (लगभग 530,000 USD) का निवेश किया.
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कुछ समय तक सब कुछ ठीक लग रहा था. लगातार अपडेट और आश्वासन मिल रहे थे. लेकिन जब ब्रिगेडियर ने अपना निवेश वापस लेना चाहा, तो उन्हें संदेह हुआ. ठगों ने वापसी के लिए 65 लाख रुपये (लगभग 81,250 USD) का कमीशन मांगा. इस मांग से ब्रिगेडियर को समझ आ गया कि उन्हें ठगा गया है. उन्होंने हरियाणा साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
इंटरनेशनल गिरोह कर था ऑपरेट
शिकायत मिलने पर हरियाणा पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि यह एक बड़े अंतरराष्ट्रीय घोटाले का हिस्सा था. रिपोर्ट के अनुसार, इस जटिल साइबर घोटाले के मास्टरमाइंड संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में स्थित थे. ये ठग एक अच्छी तरह से प्लानिंग के साथ ऑपरेशन चला रहे थे. वे लोग भारत के सीमांत गांवों के लोगों के बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर कर रहे थे. वहां से फिर वे उस पैसे को अपने पास ट्रांसफर करवाते थे. इस काम के लिए खाताधारकों को प्रत्येक 1 लाख रुपये (लगभग 1,250 USD) के लिए 4,000 से 10,000 रुपये का कमीशन भी देते थे. इस केस में अभी जांच जारी है.
ऐसे मामले तेजी से आम होते जा रहे हैं. ठग वॉट्सऐप, ऑनलाइन बैंकिंग ऐप्स और इनवेस्टमेंट सर्विस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं. हालांकि अधिकारी इन अपराधी नेटवर्क पर लगाम लगाने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन जनता के लिए सतर्क रहना और ऐसे घोटालों के शिकार होने से बचना बहुत महत्वपूर्ण है.
कैसे रहें सुरक्षित?
बेमतलब के संदेशों या कॉलों से सावधान रहें. खासकर उनसे तो फाइनेंशियल एडवाइस दे रहे हों. किसी भी लिंक पर क्लिक करने या ऐप डाउनलोड करने से पहले सोर्स की प्रामाणिकता की जांच करें.
यदि कोई निवेश योजना बहुत ही आकर्षक है तो शायद वह सही नहीं है. याद रखें कि निवेश कराने वाले सभी प्लेटफॉर्म आमतौर पर रजिस्टर्ड होते हैं और बाजार में उनके बारे में बहुत सी जानकारियां उपलब्ध होती हैं. कोई नई दिखने वाली ऐप या सर्विस आपको फंसा सकती है.
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FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 15:21 IST