स्पाईसजेट सी-प्लेन से जोड़ेगी दूर-दराज के इलाके, अगले साल से इन शहरों में शुरू होगी सर्विस

नई दिल्ली. प्रमुख एयरलाइन स्पाइसजेट ने अगले साल भारत में सीप्लेन सेवा शुरू करने की योजना का ऐलान किया है, जो 2025 में लक्षद्वीप, हैदराबाद, गुवाहाटी और शिलांग जैसे 20 से ज्यादा रूट्स पर उपलब्ध होगी. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए स्पाइसजेट ने विमान निर्माता डी हैविलैंड के साथ साझेदारी की है, जो तकनीकी, इंजीनियरिंग और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करेगा.

शनिवार को स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने विजयवाड़ा के प्रकाशम बैराज से श्रीशैलम बांध तक सीप्लेन का प्रदर्शन किया, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू भी उपस्थित थे. अजय सिंह ने बताया कि सीप्लेन के माध्यम से भारत के कुछ सबसे दूरदराज के क्षेत्रों तक हवाई पहुंच संभव हो सकेगी, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी.

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स्पाइस शटल की सीईओ अवनी सिंह ने सीप्लेन की क्षमता की सराहना करते हुए इसे देश के लिए एक बड़ा गेम-चेंजर बताया. उन्होंने कहा कि तटीय, द्वीपीय और नदी क्षेत्रों में सीप्लेन का उपयोग क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है. उन्होंने कहा कि कंपनी का उद्देश्य सभी लोगों तक सस्ती और आसान हवाई यात्रा को पहुंचाना है.

सीप्लेन क्या है?
सीप्लेन एक ऐसा विमान है जो पानी पर उतर सकता है और उड़ान भर सकता है, इसे ‘फ्लाइंग बोट’ भी कहा जाता है. आमतौर पर इसमें दो फ्लोट्स होते हैं, जो पानी पर उतरने और तैरने में स हायता करते हैं. यह विमान जमीन पर नहीं चल सकता क्योंकि इसमें पहिए नहीं होते हैं. यह सीप्लेन करीब 14 यात्रियों की क्षमता वाला होता है, जो भारत के तटीय और दूरदराज के क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकता है.स्पाइसजेट की यह पहल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में बदलाव लाने का वादा करती है, जिससे यात्रियों को तेजी और आरामदायक हवाई सेवा मिल सकेगी.

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