सेमीकंडक्‍टर सेक्‍टर में टाटा की धाक, अब इस देश ने कहा, आओ मिलकर काम करें

हाइलाइट्स

टाटा समूह को साझेदारी का दिया है सिंगापुर ने ऑफर. सिंगापुर के पास 25 फाउंड्रीज और एक मजबूत सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन है.भारत-सिंगापुर मंत्रीस्तरीय राउंड टेबल में भी सेमीकंडक्टर उद्योग पर चर्चा हुई थी.

नई दिल्‍ली. सेमीकंडक्‍टर निर्माण में भारत को एक अग्रणी देश बनाने के प्रयास केंद्र सरकार कर रही है. टाटा समूह इस सेक्‍टर में अब सबसे ज्‍यादा एक्टिव है. समूह की कंपनी टटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने चिप निर्माता एनालॉग डिवाइसिस, एनएक्‍सपी सेमीकंडक्‍टर्स और माइक्रॉन जैसे वैश्विक कंपनियों के साथ चिप निमार्ण के लिए समझौते किए हैं. टाटा समूह की सेमीकंडक्‍टर मैन्‍यूफैक्‍चरिंग क्षमता से सिंगापुर भी प्रभावित है. सिंगापुर सरकार टाटा समूह के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर्स निर्माण करना चाहती है. इसी साझेदारी को लेकर सिंगापुर के कानून और गृह मामलों के मंत्री के. शन्मुगम के नेतृत्व में सिंगापुर सरकार के अधिकारियों ने इस हफ्ते टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन से मुलाकात की.

सेमीकंडक्टर विकास के अलावा, सिंगापुर भारत के साथ कौशल विकास, डिजिटल तकनीक, औद्योगिक पार्क और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी साझेदारी की तलाश में है. सिंगापुर, टाटा समूह के लिए भी एक अहम व्‍यापारिक ठिकाना है. सिंगापुर एक ऐसा देश है, जहां टाटा समूह की करीब 50 वर्षों से गहरी और लंबी उपस्थिति है. कारों और टेलीकॉम उपकरणों से लेकर कई प्रोडक्‍ट्स में इस्‍तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर्स की आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास भारत कर रहा है. यह बात सिंगापुर को भी अच्‍छे से पता है, इसलिए वह भारतीय कंपनियों को लुभाने की कोशिश कर रहा है.

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सिंगापुर की जीडीपी जितना है टाटा समूह का मार्केट कैप
टाटा समूह का आकार और बाजार पूंजीकरण सिंगापुर की जीडीपी के बराबर है. आकार में सिंगापुर भले ही छोटा हो, लेकिन वहां 25 फाउंड्रीज और एक मजबूत सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन है, जो हर चिप निर्माता को सिंगापुर की ओर आकर्षित होने के लिए पर्याप्‍त है. यही कारण है कि सिंगापुर के मंत्री शन्मुगम पूरे आत्‍मविश्‍वास से कहते हैं, “हमारे पास एक पूरी वैल्यू चेन है. केवल उंगलियाँ चटकाने से सब कुछ अपने आप नहीं होता, इसके लिए पूरा ढांचा चाहिए.”

हाल ही में भारत-सिंगापुर मंत्रीस्तरीय राउंड टेबल में भी सिंगापुर के सेमीकंडक्टर उद्योग पर चर्चा हुई थी. अब शन्मुगम ने कहा, “यदि टाटा समूह चाहे, तो वह दुनिया में कहीं भी व्यापार कर सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि वे सिंगापुर को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में चुनेंगे. हम विभिन्न क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सेमीकंडक्टर उद्योग के एक गंभीर खिलाड़ी हैं. हां, इस पर हमारी टाटा के साथ विस्तार से चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि सिंगापुर मदद नहीं, बल्कि साझेदारी पर विचार कर रहा है.”

Tags: Business news, Manufacturing sector, Singapore News

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