टाटा ने मिलाया अमेरिकी एविएशन कंपनी से हाथ, 23 देशों को मिलेगी भारत से मदद

नई दिल्ली. भारत के प्रमुख उद्योग समूह टाटा ग्रुप और अमेरिकी विमानन कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारतीय वायुसेना (IAF) के C-130J सुपर हरक्यूलस विमान बेड़े के लिए भारत में एक मेन्टेनेस, रिपेयर और ओवरहाल (MRO) सुविधा स्थापित करने की घोषणा की है. यानी अब इन जहाजों का मेंटेनेंस और रख-रखाव का काम भारत में ही होगा. इससे पहले यह यूएस में किया जाता था. इस प्लांट में अन्य देशों द्वारा संचालित C-130J विमानों को भी मेंटेनेंस की सुविधा मिलेगी.

यह भारत में किसी प्रमुख विमानन कंपनी द्वारा स्थापित की जाने वाली पहली पूर्ण MRO (मेंटनेंस, रिपेयर, ऑपरेशन) सुविधा होगी. यहां से दुनिया में बाकी देशों द्वारा इस्तेमाल C-130J बेड़े को भी मेंटेन और रिपेयर किया जाएगा. बता दें कि अभी 27 ऑपरेटर्स और 23 देशों के पास यह विमान है. कंपनियों द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, लॉकहीड मार्टिन ने भारत में C-130J का निर्माण और असेंबली बढ़ाने पर भी सहमति जताई है, ताकि कॉन्ट्रेक्ट मिलने पर भारतीय वायुसेना के मध्यम परिवहन विमान (MTA) कार्यक्रम के लिए विमानों का निर्माण किया जा सके.

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इसका मतलब है कि लॉकहीड मार्टिन भारत में अतिरिक्त उत्पादन और असेंबली क्षमता स्थापित करेगा. हालांकि, अमेरिकी कंपनी अमेरिका के मारिएटा, जॉर्जिया में स्थित मौजूदा सुपर हरक्यूलस उत्पादन सुविधा पर C-130J विमानों का निर्माण जारी रखेगी.

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक, सुकर्ण सिंह ने कहा कि भारतीय वायु सेना के MTA प्रोजेक्ट के लिए C-130J प्लेटफार्म पर लॉकहीड मार्टिन के साथ गठजोड़ “टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के लिए एक मील का पत्थर” है.

गौरतलब है कि लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड का एक जॉइंट वेंचर भी है, जिसे 2010 में स्थापित किया गया था. यह संयुक्त उद्यम, टाटा लॉकहीड मार्टिन एरोस्ट्रक्चर लिमिटेड (TLMAL), अमेरिका में निर्मित सभी नए सुपर हरक्यूलस विमानों पर C-130J के एंपेनेज असेंबलियों का एकमात्र वैश्विक स्रोत है. अब तक, TLMAL ने 220 से अधिक C-130J एंपेनेज का निर्माण किया है.

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