एक नवंबर से नहीं आएगा OTP… टेलीकॉम कंपनियां क्‍यों दे रही हैं यह चेतावनी?

नई दिल्‍ली. भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के 1 नवंबर से लागू होने वाले नए नियमों पर अपनी चिंता व्यक्त की है. इस नए नियम के तहत बैंकों, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा भेजे गए ट्रांजेक्शनल और सर्विस मैसेज की ट्रेसबिलिटी अनिवार्य कर दी गई है. यदि मैसेज भेजने की चेन में कोई गड़बड़ी होती है, तो वह मैसेज ब्लॉक कर दिया जाएगा. टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि कई प्रमुख संस्थान (PEs) और टेलीमार्केटर्स अभी तक इन नियमों के पालन के लिए तैयार नहीं हैं, जिसके कारण OTP और अन्य महत्वपूर्ण मैसेज की डिलीवरी बाधित हो सकती है.

भारत में हर दिन लगभग 1.5 से 1.7 अरब कमर्शियल मैसेज भेजे जाते हैं, और इन नियमों के कारण मैसेज डिलीवरी में देरी या अवरोध हो सकता है. टेलीकॉम कंपनियों ने इन नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा है कि 1 नवंबर से ‘लॉगर मोड’ में नियम लागू किए जाएं, ताकि गलतियों का पता चल सके और सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें. कंपनियों ने 1 दिसंबर तक पूरी तरह से ‘ब्लॉकिंग मोड’ में जाने का वादा किया है.

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अगस्‍त में TRAI ने दिया था आदेश
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया कि बैंकों और अन्य संस्थानों द्वारा भेजे गए मैसेज का ट्रैक रखना जरूरी है. अगर मैसेज भेजने की प्रक्रिया में शामिल टेलीमार्केटर्स की पूरी चेन ठीक से तय नहीं है या सही क्रम में नहीं है, तो ऐसे मैसेज को रोक दिया जाएगा.

दो महीने का समय देने की मांग
टेलीकॉम कंपनियों ने ट्राई को जानकारी दी है कि उनके सिस्टम 1 नवंबर से लागू होने वाले नए नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कई टेलीमार्केटर्स और प्रमुख संस्थानों (PEs) को जरूरी तकनीकी अपडेट्स के लिए और समय चाहिए. इसके चलते PEs ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए दो महीने की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है. अगर यह मोहलत मिल जाती है तो सभी टेलीमार्केटर्स और PEs आवश्यक तकनीकी बदलाव कर लेंगे और मैसेज की डिलीवरी में कोई व्‍यवधान उत्‍पन्‍न नहीं होगा.

Tags: New Rule, SMS Alert, Telecom business

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