तिरुपति के लड्डू में पशु चर्बी, लेकिन इस घी ब्रांड की बल्ले-बल्ले, सरकार ने जारी कर दिया आदेश

नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple) में घी में पशु चर्बी के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद के बीच कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला है. सरकार ने शुक्रवार (20 सितंबर) को एक सर्कुलर जारी कर मंंदिरों को नंदिनी ब्रांड घी (Nandini Ghee) का ही इस्तेमाल करने का आदेश दिया है. मंदिरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने यहां तैयार किए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखें. यह निर्देश कर्नाटक के टेंपल मैनेजमेंड बॉडी के तहत आने वाले सभी 34,000 मंदिरों पर लागू होंगे.

कर्नाटक सरकार के नए निर्देश के मुताबिक, उसके अधिकार क्षेत्र के सभी मंदिरों को मंदिर के अनुष्ठानों जैसे कि दीपक जलाना, प्रसाद तैयार करना और ‘दसोहा भवन’ (जहां भक्तों को भोजन परोसा जाता है) में केवल नंदिनी घी का उपयोग करना होगा. ऑफिशियल सर्कुलर में इस बात पर जोर दिया गया है कि मंदिर के कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रसाद की गुणवत्ता से कभी समझौता न किया जाए.

नोटिफाइड मंदिरों को निर्देश
सर्कुलर में कहा गया है, “कर्नाटक राज्य के धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के तहत आने वाले सभी नोटिफाईड मंदिरों में, सभी प्रकार की सर्विसेज, दीपों और प्रसाद तैयार करने और दशौहा भवन में केवल नंदिनी घी का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है. मंदिरों में तैयार किए जाने वाले प्रसाद में गुणवत्ता बनाए रखने का सुझाव दिया गया है.”

कर्नाटक का मशहूर मिल्क ब्रांड है नंदिनी
बता दें कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) एक डेयरी कोऑपरेटिव है, जो नंदिनी ब्रांड नाम के तहत दूध, दही, घी, मक्खन, आइसक्रीम, चॉकलेट और मिठाई जैसे प्रोडक्ट्स बेचता है. यह कर्नाटक सरकार के सहकारिता मंत्रालय के स्वामित्व में मिल्क प्रोड्यूसर्स का एक फेडरेशन है. केएमएफ की स्थापना साल 1974 में हुई थी.

बैंगलोरमिरर के मुताबिक, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने साफ किया है कि उनका मिलावटी घी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन अब आंध्र प्रदेश सरकार के अनुरोध के बाद टेंडर प्रोसेस में भाग लिया है. केएमएफ ने घी आखिरी बार 2020 में तिरुपति मंदिर को सप्लाई किया था.

क्या है तिरुपति विवाद
तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशु चर्बी का विवाद 18 सितंबर को शुरू हुआ, जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि तिरुपति के प्रसाद में चर्बी मिलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि जिस कंपनी से मंदिर प्रशासन घी ले रहा था. उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है और मामले की विजिलेंस जांच कराई जा रही है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. वहीं, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति के लड्डू में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, नारियल, कॉटन सीड और अलसी के अलावा फिश ऑयल, बीफ टैलो और लॉर्ड पाया गया.

तिरुपति मंदिर प्रबंधन बोला- प्रसाद अब पवित्र
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (TTD) ने शुक्रवार (20 सितंबर) रात सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि श्रीवारी लड्डू की पवित्रता अब बेदाग है. मंदिर बोर्ड ने एक पोस्ट में कहा, ‘श्रीवारी लड्डू की दिव्यता और पवित्रता अब बेदाग है. टीटीडी सभी भक्तों की संतुष्टि के लिए लड्डू प्रसादम की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.’

TTD के हाथों में मंदिर का प्रबंधन
बता दें कि आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड करता है. भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर की वास्तुकला और शिल्पकला देखने लायक होती है.

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