सड़क बनाने पर खर्च 1900 करोड़ तो टोल 8000 करोड़ क्‍यों वसूला? गडकरी ने दिया जवाब

News18 India Chaupal: ज्यादा टोल वसूली की शिकायतों पर केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सोमवार को जवाब दिया. न्यूज18 इंडिया चौपाल में जब उनसे पूछा गया कि सड़क बनाने में 1,900 करोड़ रुपये खर्च हुए तो 8,000 करोड़ रुपये टोल में क्यों वसूले गए? इस पर गडकरी ने कहा कि टोल वसूली एक दिन में नहीं होती, उसके आगे-पीछे भी बहुत से खर्चे होते हैं. इसे एक उदाहरण से उन्होंने समझाया.

केंद्रीय मंत्री ने समझाया, ”अगर आप गाड़ी या घर कैश पर खरीदते हैं तो उसकी कीमत 2.5 लाख होती है. इसी को 10 साल के लिए लोन पर लेते हैं तो उसकी कीमत 5.5 से 6 लाख हो जाती है. हर महीने ब्याज देना होता है. कई बार हमलोग कर्ज लेकर काम करते हैं.”

दिल्ली-जयपुर हाईवे यानी NH-8 पर ज्यादा टोल वसूलने को लेकर गडकरी ने कहा, ”रोड को 2009 में यूपीए सरकार ने अलॉट किया था. इसमें 9 बैंक शामिल थे. इस सड़क बनाने में बहुत समस्या आई. कॉन्ट्रैक्टर्स भाग गए. बैंकों ने कोर्ट केस किए. फिर नए कॉन्ट्रैक्टर्स आए. हमने नए कॉन्ट्रैक्टर्स को हमने टर्मिनेट किया. दिल्ली हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश दिया. इस रोड पर हमने नया डीपीआर बनाया. इस रोड के दोनों तरफ अतिक्रमण है. इस बात को लेकर कोशिश करते रहे कि इसको अगर 6 लेन करना है तो अतिक्रमण हटाना होगा. इस बार बरसात के कारण समस्याएं ज्यादा आई. इसको लेकर 2 उपाय किए गए.”

क्या है ज्यादा टोल वसूलने का मामला
हाल ही में एक आरटीआई के जवाब में पता चला था कि राजस्थान के एक टोल में कलेक्शन के जरिए करीब 8 हजार करोड़ रुपये लिए जा चुके हैं, जबकि इस हाईवे के निर्माण में करीब 1,900 करोड़ रुपये की लागत आई थी. यह मामला दिल्ली-जयपुर हाईवे यानी NH-8 पर मनोहरपुर टोल प्लाजा से जुड़ा है.

तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए करेंगे काम 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में 5वें नंबर पर है. अब हम तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए काम करेंगे.

100 दिन में 51 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी
मोदी 3.0 सरकार के पहले 100 दिन में सड़क और परिवहन मंत्रालय में हुए काम को लेकर गडकरी ने कहा कि हमारे मंत्रालय में 51 हजार करोड़ रुपये के 8 रोड प्रोजेक्ट कैबिनेट से अप्रूव हुए. मार्च तक 3 लाख करोड़ के काम होने की उम्मीद है.

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