अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक ट्वीट करके सनसनी फैला दी है. इस पोस्ट में भारत पर एक नई रिपोर्ट की संभावना का संकेत दिया है. यदि आप हिंडनबर्ग के बारे में भूल गए हैं तो बता दें कि जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिससे कंपनी के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई. उस समय समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था.
हिंडनबर्ग रिसर्च के एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया गया कि भारत के लिए जल्द ही कुछ बड़ा आने वाला है. अंग्रेजी में लिखे गए ट्वीट के शब्द थे- Something big soon India.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में समूह द्वारा शेयरों में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. यह मामला शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के आरोपों से जुड़ा है, जिसमें कहा गया था कि अडानी ने अपने शेयरों की कीमतें बढ़ा दी हैं. इन आरोपों के प्रकाशित होने के बाद अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों के शेयरों में तेजी से गिरावट आई, जो 100 बिलियन डॉलर से अधिक की थी.
अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा जारी 2.5 बिलियन डॉलर के फॉलो-अप पब्लिक ऑफरिंग (FPO) से दो दिन पहले प्रकाशित हुई थी. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगे सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया है.
चीन से जोड़ा गया लिंक
इस साल जुलाई में भारत के एक वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया था कि चीनी संबंधों वाले एक अमेरिकी व्यवसायी ने हिंडनबर्ग रिसर्च को एक रिपोर्ट तैयार करने का काम दिया था, जिससे जनवरी-फरवरी 2023 में अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी.
जेठमलानी ने दावा किया कि किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी के अमेरिकी व्यवसायी मार्क किंगडन ने अडानी समूह पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च को काम पर रखा था.
जेठमलानी ने इस साल जुलाई में एक्स (X) पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि “जासूस” अनला चेंग और उनके पति मार्क किंगडन ने अडानी समूह की कंपनियों पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च को काम पर रखा था. वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि उन्होंने भारतीय खुदरा निवेशकों की कीमत पर अडानी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग और लाखों में मुनाफा कमाने के लिए कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआईएल) का उपयोग करके एक ट्रेडिंग खाता स्थापित किया.
बाद में महेश जेठमलानी ने सरकार से चीन के साथ उन राजनीतिक आवाजों के संबंधों की जांच करने का भी आह्वान किया, जिन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को निशाना बनाया था. उन्होंने अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा भारतीय समूह को निशाना बनाने वाली रिपोर्ट के पीछे चीनी हाथ होने का संकेत दिया. कहा कि अडानी समूह पर यह हमला हाइफा पोर्ट जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में हार का चीनी बदला था.
SC ने अडानी ग्रुप को दी थी क्लीन चिट
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की रिपोर्ट के बाद हिंडनबर्ग के आरोपों पर अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी थी. हाल ही में टॉप अदालत ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए एक कोर्ट-मॉनिटर्ड स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित करने की समीक्षा याचिका खारिज कर दी है.
इस साल जून में अडानी एंटरप्राइजेज की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि उन्हें “एक विदेशी शॉर्ट सेलर द्वारा आधारहीन आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसने हमारे दशकों की कड़ी मेहनत पर सवाल उठाया.”
उन्होंने कहा, “हमारी ईमानदारी और प्रतिष्ठा पर अभूतपूर्व हमले के सामने, हमने लड़ाई लड़ी और साबित कर दिया कि कोई भी चुनौती उन नींव को कमजोर नहीं कर सकती है जिन पर आपका समूह स्थापित किया गया है.”
Tags: Adani Group, Hindenburg Report, Share market
FIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 09:53 IST