नई दिल्ली. ऐसे ही नहीं कहते हैं कि भारत गांवों में बसता है. नीलसनआईक्यू की हालिया रिपोर्ट भी इसी बात पर मुहर लगाती है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरी लोगों के मुकाबले ग्रामीणों ने दोगुनी खरीदारी की है. त्योहारी सीजन में ग्रामीणों की बंपर खरीदारी से कंपनियों का खजाना भर गया. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेज सुधार के भी संकेत मिल रहे हैं.
‘डेटा एनालिटिक्स फर्म’ नीलसनआईक्यू की एक रिपोर्ट बताती है कि शहरी तथा ग्रामीण बाजारों में उपभोक्ता मांग में क्रमिक सुधार देखा गया और भारत के अधिकतर क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र मात्रा वृद्धि के मामले में शहरी क्षेत्रों से आगे निकल रहे हैं. भारतीय एफएमसीजी उद्योग में जुलाई-सितंबर तिमाही में 1.5 प्रतिशत कीमत वृद्धि, 5.7 प्रतिशत मूल्य-आधारित वृद्धि और 4.1 प्रतिशत मात्रा वृद्धि देखी गई है.
क्या है गांव और शहर का आंकड़ा
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024 की तीसरी तिमाही में शहरी उपभोग वृद्धि 2.8 प्रतिशत रही, जबकि ग्रामीण वृद्धि पिछली तिमाही के 5.2 प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत हो गई, जो शहरी वृद्धि की तुलना में दोगुना से भी अधिक है. इसका मतलब हुआ कि त्योहारी सीजन वाली तिमाही में एमएफसीजी प्रोडक्ट की खरीदारी शहर के मुकाबले गांवों में दोगुनी हुई है.
त्योहारी सीजन ने कराई वापसी
रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटी तथा मध्यम एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं बनाने वाली) कंपनियों ने कुछ तिमाहियों में गिरावट का सामना करने के बाद दमदार वापसी की है. मूल्य और मात्रा के मामले में बड़ी एफएमसीजी कंपनियों की तुलना में खाद्य क्षेत्र की मदद से उनकी वृद्धि तेज रही है.
दूसरी तिमाही से डेढ़ गुना वृद्धि
नीलसन की रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य उपभोग वृद्धि दर साल 2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में बढ़कर 3.4 प्रतिशत हो गई है. इससे पहले की तिमाही (अप्रैल-जून में) यह 2.1 प्रतिशत रही थी. रिपोर्ट बताती है कि एचपीसी (होम एंड पर्सनल केयर) श्रेणियों में खपत वृद्धि 2024 की तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत पर स्थिर रही है.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 15:44 IST