नई दिल्ली. भारत सरकार ने जर्मनी की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन पर $1.4 अरब (लगभग ₹11,500 करोड़) की कर चोरी के आरोप में नोटिस थमाया है. आरोप है कि कंपनी ने अपनी ऑडी, वीडब्ल्यू (Volkswagen) और स्कोडा कारों के लिए आयातित कल-पुर्जों पर कम कर चुकाकर जानबूझकर कर टैक्स चोरी की है. यह मामला देश में सबसे बड़े कर चोरी के मामलों में से एक बताया जा रहा है. वहीं, आरोपों पर फॉक्सवैगन की ओर से स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया ने कहा, “हम एक जिम्मेदार संगठन हैं और सभी वैश्विक व स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करते हैं. हम इस नोटिस का विश्लेषण कर रहे हैं और अधिकारियों को पूरा सहयोग दे रहे हैं.”
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब फॉक्सवैगन जर्मनी में अपने श्रमिकों के साथ विवाद और चीनी प्रतिस्पर्धियों के बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है. भारतीय अधिकारियों ने जांच में यह भी पाया गया कि 2012 से अब तक, फॉक्सवैगन को भारत सरकार को लगभग $2.35 अरब (लगभग ₹19,000 करोड़) का आयात कर और अन्य शुल्क चुकाना चाहिए था, लेकिन उसने केवल $981 मिलियन (लगभग ₹7,800 करोड़) का ही भुगतान किया. इस तरह $1.36 अरब (लगभग ₹11,000 करोड़) रुपये का चूना फॉक्सवैगन ने सरकार को लगाया है.
ऐसे लगाया चूना
30 सितंबर को जारी इस नोटिस में कहा गया है कि फॉक्सवैगन ने अपनी कारों को लगभग पूरी तरह से असेंबल न किए हुए हिस्सों (CKD यूनिट्स) के रूप में आयात किया. भारतीय नियमों के तहत इस प्रकार की यूनिट्स पर 30% से 35% आयात कर लगता है. लेकिन कंपनी ने इन आयातों को अलग-अलग पुर्जों के रूप में दिखाकर केवल 5% से 15% आयात शुल्क ही चुकाया. फॉक्सवैगन की भारतीय इकाई स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया ने स्कोडा सुपर्ब, कोडिएक, ऑडी ए4, ए5, क्यू5 और वीडब्ल्यू टिगुआन एसयूवी जैसे मॉडलों के लिए इस तरह की आयात व्यवस्था की. भारतीय जांच एजेंसियों ने पाया कि कंपनी ने अलग-अलग शिपमेंट के जरिए उच्च आयात कर से बचने के लिए यह “जानबूझकर” किया.
महाराष्ट्र में सीमा शुल्क आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी 95 पन्नों के नोटिस में कहा गया, “यह लॉजिस्टिकल व्यवस्था एक कृत्रिम योजना है… इसका संचालन ढांचा केवल उचित शुल्क के भुगतान से बचने के लिए एक चाल है.” सरकार ने कंपनी को 30 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि फॉक्सवैगन ने जवाब दिया है या नहीं.
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FIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 10:27 IST